Sambhal Demography Change: डिप्टी CM ब्रजेश पाठक का सनसनीखेज आरोप, सपा-कांग्रेस ने हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया!
- Shubhangi Pandey
- 28 Aug 2025 07:04:52 PM
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संभल दंगों की 450 पन्नों की न्यायिक जांच रिपोर्ट पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने 24 नवंबर 2024 की हिंसा को सुनियोजित साजिश करार देते हुए समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर रहमान बर्क और मस्जिद इंतजामिया कमेटी पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया है. पाठक ने सपा और कांग्रेस की पूर्व सरकारों पर हिंदू पलायन और धार्मिक स्थलों पर कब्जे का जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि न्यायिक आयोग की रिपोर्ट जिसे रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में तैयार किया गया है उसमें खुलासा हुआ है कि 24 नवंबर 2024 की हिंसा सुनियोजित थी. यह हिंसा शाही जामा मस्जिद के ASI सर्वे के दौरान भड़की. जिसमें 4 लोगों की मौत हुई और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए. पाठक ने दावा किया कि सपा सांसद बर्क के 22 नवंबर के भड़काऊ बयान की वजह से ऐसा हुआ. बर्क ने कहा था,“हम इस देश के मालिक हैं... गुलाम नहीं”.कहा गया है कि बाहरी लोगों को शामिल कर हिंदुओं को निशाना बनाने की साजिश थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने बड़ा नुकसान रोका.
हिंदू आबादी 45% से 15% पर
रिपोर्ट के अनुसार 1947 में संभल नगरपालिका क्षेत्र में हिंदू आबादी 45% थी जो अब घटकर 15-20% रह गई है जबकि मुस्लिम आबादी 85% हो गई है. पाठक ने आरोप लगाया कि सपा और कांग्रेस सरकारों की तुष्टिकरण नीतियों ने हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया. उन्होंने दावा किया कि हिंदुओं के घरों, दुकानों और धार्मिक स्थलों पर कब्जे हुए. 1978 के दंगे के बाद यह पलायन तेज हुआ और 15 बड़े दंगों ने स्थिति को और बिगाड़ा.
कानून-व्यवस्था पर जोर
पाठक ने कहा कि योगी सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर है. उन्होंने वादा किया कि दंगों और अराजकता की इजाजत नहीं दी जाएगी. सरकार हिंदू पलायन और धार्मिक स्थलों पर कब्जे की जांच के लिए कदम उठाएगी. हरिहर मंदिर के ऐतिहासिक महत्व को भी रिपोर्ट में उजागर किया गया है, जिसे बाबर के समय नष्ट करने का दावा है.
सियासी तनातनी बढ़ेगी!
पाठक का यह बयान सपा और कांग्रेस पर सीधा हमला है जिससे उत्तर प्रदेश की सियासत में नया तनाव पैदा हो सकता है. सपा ने जवाब में BJP पर मंदिर-मस्जिद विवाद भड़काने का आरोप लगाया है. यह मामला विधानसभा में चर्चा के लिए आएगा जिसके बाद और खुलासे हो सकते हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि आखिर इस रिपोर्ट के पेश होने के बाद प्रदेश का माहौल किस तरह से बदलता है और राजनीतिक पार्टियां इस पर क्या एक्शन लेती दिखेंगी.
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