हाथरस भगदड़ कांड 2024: न्यायिक सुनवाई, आरोप और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
- Ankit Rawat
- 29 Aug 2025 02:25:38 PM
हाथरस के सिकंदराराऊ में 2 जुलाई 2024 को हुई भयानक भगदड़ की घटना के मामले में गुरुवार को न्यायालय में सुनवाई हुई। इस मामले में वादी, सब-इंस्पेक्टर बृजेश पांडे की गवाही पूरी हो चुकी है। यह हादसा सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में भोले बाबा के सत्संग के बाद हुआ था, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी और 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह घटना हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश के सबसे दुखद हादसों में से एक है।
पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ 3,200 पेज का विस्तृत आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोपियों में देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, रामप्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह शामिल हैं। इस मामले में कुल 676 गवाहों को शामिल किया गया है, जो इसकी जटिलता और गंभीरता को दर्शाता है। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 4 सितंबर 2025 की तारीख तय की है और पुलिस इंस्पेक्टर अनूप सिंह को तलब किया है। अब इस मामले की सुनवाई प्रत्येक गुरुवार को होगी, ताकि न्यायिक प्रक्रिया को तेज किया जा सके।
आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने दावा किया है कि यह पूरी घटना पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई थी। उनके अनुसार, सत्संग में भारी भीड़ के बावजूद पुलिस ने उचित प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था नहीं की। पुंडीर ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को फंसाकर उन्हें गलत तरीके से आरोपी बनाया है, ताकि अपनी जिम्मेदारी से बच सकें। इन आरोपों ने प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं और इस बात पर बहस छिड़ गई है कि इस त्रासदी का असली कारण प्रशासनिक विफलता थी या व्यक्तिगत गलतियां।
हाथरस की इस भगदड़ ने स्थानीय समुदाय पर गहरा प्रभाव डाला है। परिवार अपने प्रियजनों की हानि का शोक मना रहे हैं, और घायल लोग शारीरिक व मानसिक पीड़ा से जूझ रहे हैं। इस घटना ने भारत में बड़े धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, जहां हजारों भक्त एकत्र होते हैं। न्यायालय की चल रही कार्यवाही का उद्देश्य इस त्रासदी के पीछे की सच्चाई को उजागर करना, लापरवाही की हद को निर्धारित करना और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है।
जैसे-जैसे यह मामला आगे बढ़ रहा है, जनता की नजर इसकी सुनवाई पर टिकी है। पुलिस की कथित लापरवाही के आरोपों ने प्रशासन की बड़े आयोजनों के प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। साप्ताहिक सुनवाई का निर्णय इस हाई-प्रोफाइल मामले को जल्द से जल्द हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इंस्पेक्टर अनूप सिंह का तलब होना और सैकड़ों गवाहों की जांच इस भयावह भगदड़ के कारणों को समझने में महत्वपूर्ण होगी।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



