आगरा के बिल्डर प्रखर गर्ग और पत्नी राखी गर्ग जयपुर से गिरफ्तार, 510 करोड़ के दान की घोषणा पर उठे सवाल
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- 29 Aug 2025 02:33:48 PM
- आगरा के बिल्डर प्रखर गर्ग और पत्नी राखी गर्ग जयपुर के फाइव स्टार होटल से गिरफ्तार
आगरा के चर्चित बिल्डर प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी राखी गर्ग को गुरुवार को जयपुर के एक फाइव स्टार होटल से पुलिस ने गिरफ्तार किया। यह दंपति हाल ही में तब सुर्खियों में आया था, जब उन्होंने वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए 510 करोड़ रुपये दान करने की घोषणा की थी। इस भारी-भरकम दान की घोषणा ने लोगों का ध्यान खींचा था, लेकिन अब यह जोड़ा धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के चलते कानूनी शिकंजे में है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रखर गर्ग और राखी गर्ग के खिलाफ आगरा और अन्य शहरों में धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। इनमें से एक प्रमुख मामला 2 करोड़ रुपये के चेक बाउंस से संबंधित है, जिसमें दंपति पर एक व्यापारी को धोखा देने का आरोप है। इसके अलावा, उनके खिलाफ कई अन्य वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के मामले भी दर्ज हैं, जिनकी जांच चल रही है। जयपुर पुलिस ने आगरा पुलिस के साथ मिलकर एक विशेष ऑपरेशन के तहत दोनों को गिरफ्तार किया।
प्रखर गर्ग आगरा में रियल एस्टेट के क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं। उनकी कंपनी ने शहर में कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, जिसके चलते वे स्थानीय व्यापारिक और सामाजिक हलकों में चर्चित रहे हैं। बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए उनकी दान की घोषणा को शुरू में एक बड़े परोपकारी कदम के रूप में देखा गया था, जिसका उद्देश्य मंदिर परिसर को और भव्य बनाना था। हालांकि, अब इस घोषणा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि कई लोग इसे उनके खिलाफ चल रही जांचों से ध्यान हटाने की रणनीति मान रहे हैं।
गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने दंपति को आगरा लाने की तैयारी शुरू कर दी है, जहां उनके खिलाफ दर्ज मामलों में पूछताछ की जाएगी। इस मामले ने स्थानीय समुदाय में हलचल मचा दी है, और लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या इस दान की घोषणा के पीछे कोई छिपा मकसद था या यह केवल एक दिखावा था।
पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि जांच के दौरान और भी खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि दंपति के कारोबारी लेन-देन और वित्तीय गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है। इस बीच, बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने कहा है कि वे इस मामले पर नजर रखे हुए हैं, और दान की घोषणा से संबंधित किसी भी वित्तीय लेन-देन की पुष्टि तभी की जाएगी, जब उसकी वैधता पूरी तरह सत्यापित हो जाएगी।
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