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Kanpur में आवारा कुत्तों का खौफ! 1.3 लाख कुत्ते सड़कों पर, नगर निगम की नसबंदी-टीकाकरण मुहिम तेज

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कानपुर की सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। शहर में करीब 1.3 लाख आवारा कुत्ते घूम रहे हैं, जो हर गली-मोहल्ले में खतरा बन गए हैं। हाल की घटनाओं ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। नगर निगम अब इस समस्या से निपटने के लिए नसबंदी (बंध्याकरण) और टीकाकरण का अभियान तेज कर रहा है। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये कदम शहरवासियों को राहत दे पाएंगे? 

हाल की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
हाल ही में श्याम नगर में बीबीए छात्रा वैष्णवी साहू पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कॉलेज से घर लौटते वक्त कुत्तों ने उन्हें इतना काटा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। उनके चेहरे पर 17 टांके लगे और वो गहरे सदमे में हैं। इससे पहले सरसैयाघाट में एक पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने युवक पर हमला किया था। ये घटनाएं बताती हैं कि आवारा कुत्तों का खतरा अब सिर्फ डर नहीं, बल्कि जानलेवा बन चुका है। लोग अब सड़कों पर निकलने से भी कतरा रहे हैं।

नगर निगम का एक्शन प्लान
नगर आयुक्त सुधीर कुमार के मुताबिक शहर में 1.3 लाख आवारा कुत्तों में से 80,000 की नसबंदी हो चुकी है और इनका टीकाकरण भी किया गया है। लेकिन अभी 50,000 कुत्तों की नसबंदी बाकी है। इसके लिए नगर निगम ने तेजी से अभियान शुरू किया है। एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) सेंटर में कुत्तों को पकड़कर लाया जा रहा है, जहां उनकी नसबंदी और एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन हो रहा है। नसबंदी के बाद कुत्तों को 4-5 दिन रखकर उनकी सेहत की जांच की जाती है फिर उन्हें उसी जगह छोड़ दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ये प्रक्रिया मानवीय और वैज्ञानिक तरीके से हो रही है।

हर महीने लाखों का खर्च
नगर निगम इस अभियान पर हर महीने लाखों रुपये खर्च कर रहा है। ABC सेंटर में कुत्तों के लिए खाना, इलाज, और वैक्सीनेशन की व्यवस्था की जा रही है। नगर आयुक्त का कहना है कि ये खर्च जरूरी है। क्योंकि आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी शहर की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। हाल ही में दक्षिण क्षेत्र में 50 कुत्तों का टीकाकरण किया गया और ये अभियान सभी वार्डों में चलेगा।

यूपी में डॉग बाइट्स का आंकड़ा
पिछले तीन सालों में उत्तर प्रदेश में कुत्तों के काटने के 6,05,769 मामले सामने आए जिनमें 10 लोगों की मौत हुई। साल 2022 में 1,91,361, 2023 में 2,29,921 और 2024 में 1,64,009 मामले दर्ज हुए। ये आंकड़े बताते हैं कि समस्या सिर्फ कानपुर तक सीमित नहीं है। बता दें कि वैष्णवी पर हमले के बाद सोशल मीडिया पर लोग नगर निगम से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। शहरवासी चाहते हैं कि बाकी 50,000 कुत्तों की नसबंदी जल्द हो, ताकि हमलों पर रोक लगे। नगर निगम का दावा है कि वो इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।

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