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Noida की सड़कों का खौफनाक हाल, गड्ढों ने बनाया 130 मीटर रोड और DM दफ्तर को हादसों का अड्डा

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नोएडा और ग्रेटर नोएडा को हाईटेक शहर का तमगा हासिल है लेकिन यहां की सड़कें इस रुतबे को शर्मसार कर रही हैं। गहरे गड्ढों और टूटी सड़कों ने सफर को खतरे का खेल बना दिया है। खासकर 130 मीटर रोड हाईवे और डीएम दफ्तर के बाहर की सड़कों की हालत इतनी खराब है कि आए दिन हादसे हो रहे हैं। वाहन पलटना और लोगों का घायल होना अब आम बात हो गई है। फिर भी नोएडा प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।

130 मीटर रोड और डीएम दफ्तर की सड़कों का बुरा हाल
130 मीटर रोड हाईवे जहां पैरामाउंट गोल फॉरेस्ट जैसी पॉश सोसाइटीज हैं, वहां सड़कें गड्ढों से अटी पड़ी हैं। ये गड्ढे इतने गहरे हैं कि दोपहिया वाहन चालकों के लिए हर मोड़ पर खतरा मंडरा रहा है। डीएम दफ्तर के बाहर की सड़क का हाल और भी बदतर है। यहां कंक्रीट उखड़ चुका है और सड़कें टूटी-फूटी हैं। इससे गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो रही है और हादसों का जोखिम बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये सड़कें हाईटेक शहर की छवि को धूमिल कर रही हैं।

सीएम के आदेशों की खुली अनदेखी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ समय पहले सभी जिलों को सड़कों को गड्ढा-मुक्त करने का सख्त आदेश दिया था। उन्होंने लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। लेकिन नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हालात जस के तस हैं। प्राधिकरण की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सूरजपुर मुख्य मार्ग पर भी जलभराव और गड्ढों की वजह से जाम और हादसे आम हैं। लोग परेशान हैं, लेकिन शिकायतों का कोई असर नहीं हो रहा।

जनता का गुस्सा उबाल पर
स्थानीय निवासियों में गुस्सा पनप रहा है। उनका कहना है कि प्राधिकरण को ये गड्ढे दिखाई नहीं दे रहे। सड़कों की मरम्मत सिर्फ फाइलों में हो रही है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है। एक निवासी ने बताया, “हर बार बारिश के बाद सड़कें और खराब हो जाती हैं। दोपहिया वाहन चालकों के लिए तो ये जानलेवा है।” कुछ जगहों पर लोगों ने विरोध में गड्ढों में पेड़ तक लगाए, ताकि प्राधिकरण की नींद टूटे। फिर भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे।

हादसों का बढ़ता खतरा
गड्ढों की वजह से नोएडा में हादसे बढ़ रहे हैं। 2024 में जनवरी से जून तक 558 सड़क हादसे हुए, जिनमें 228 लोगों की जान गई। खराब सड़कों और गड्ढों का इसमें बड़ा हाथ है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी कई जगहों पर सड़कें धूल और गड्ढों से भरी हैं, जिससे ड्राइवरों को भारी परेशानी हो रही है।

जरूरी है तुरंत एक्शन
नोएडा-ग्रेटर नोएडा की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए फौरन कदम उठाने की जरूरत है। जनता मांग कर रही है कि प्राधिकरण जिम्मेदारी ले और सड़कों की मरम्मत तेजी से शुरू करे। गड्ढों को भरने के लिए स्थायी समाधान चाहिए, न कि टेम्पररी पैचवर्क। अगर प्राधिकरण अब भी नहीं जागा तो हादसों की जिम्मेदारी कौन लेगा?

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