Noida के बिल्डरों पर गिरी गाज, 353 करोड़ का बकाया वसूलने का मेगा प्लान!
- Ankit Rawat
- 05 Sep 2025 01:21:29 PM
नोएडा प्राधिकरण ने बकाया राशि जमा न करने वाले बिल्डरों पर कड़ा रुख अपनाया है। तीन बड़े बिल्डरों के खिलाफ भू-राजस्व की तरह वसूली के निर्देश जारी किए गए। प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने साफ कर दिया है कि बकाएदारों को अब बख्शा नहीं जाएगा। महागुन और प्रतीक रियल्टर्स जैसे बिल्डरों पर सैकड़ों करोड़ का बकाया है।
महागुन पर 116.96 करोड़ का बकाया
सेक्टर-78 के ग्रुप हाउसिंग प्लॉट GH-2 को महागुन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को 18 अप्रैल 2010 को आवंटित किया गया था। 18 मई 2010 को लीज डीड के बाद जमीन का कब्जा दे दिया गया। बिल्डर को कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन बकाया राशि जमा नहीं हुई। सरकार ने कोविड-19 राहत नीति के तहत 21 दिसंबर 2023 को छूट दी थी। इसके बावजूद बिल्डर ने कुल बकाया का 25 फीसदी भी जमा नहीं किया। 31 अगस्त 2025 तक महागुन पर 116.96 करोड़ रुपये बकाया हैं। प्राधिकरण ने गौतमबुद्ध नगर डीएम को वसूली के लिए पत्र भेजा है।
प्रतीक रियल्टर्स पर 162.27 करोड़ की देनदारी
सेक्टर-77 के ग्रुप हाउसिंग प्लॉट GH-1 को मेसर्स प्रतीक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को 31 मार्च 2010 को आवंटित किया गया। 26 मई 2010 को लीज डीड के बाद जमीन सौंपी गई। कोविड-19 राहत नीति के तहत 25 फीसदी बकाया जमा करने को कहा गया था, लेकिन बिल्डर ने इसे नजरअंदाज किया। 31 अगस्त 2025 तक 162.27 करोड़ रुपये बकाया हो गए हैं। प्राधिकरण ने डीएम को भू-राजस्व के तौर पर वसूली के लिए लिखा है।
सेक्टर-120 में 74.18 करोड़ का बकाया
सेक्टर-120 के ग्रुप हाउसिंग प्लॉट GH-1 को प्रतीक रियल्टर्स को 10 दिसंबर 2009 को आवंटित किया गया। 7 जनवरी 2010 को लीज डीड के बाद जमीन दी गई। कई नोटिस और कोविड-19 राहत नीति के बावजूद बिल्डर ने 25 फीसदी बकाया नहीं चुकाया। अब तक 74.18 करोड़ रुपये बकाया हैं। प्राधिकरण ने वसूली के लिए रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) जारी करने का आदेश दिया है।
बकाएदारों पर सख्ती का मकसद
प्राधिकरण का ये कदम बिल्डरों की लापरवाही पर लगाम कसने और होमबायर्स के हितों की रक्षा के लिए है। बकाया राशि के चलते हजारों फ्लैट्स की रजिस्ट्री अटकी है। प्राधिकरण ने साफ कर दिया है कि बकाया न चुकाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। कुल 353.41 करोड़ रुपये की वसूली के लिए प्राधिकरण ने गौतमबुद्ध नगर प्रशासन को जिम्मेदारी सौंपी है। ये कार्रवाई नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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