Banke Bihari मंदिर को लेकर बड़ा बदलाव, अब नहीं मिलेगा VIP दर्शन, टाइमिंग से लेकर एंट्री तक बदले नियम
- Ankit Rawat
- 12 Sep 2025 08:24:20 PM
वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़ और अव्यवस्थाओं को देखते हुए अब कई अहम बदलाव किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी की चौथी बैठक में ये फैसले लिए गए हैं। बैठक रिटायर्ड जस्टिस अशोक कुमार की अध्यक्षता में हुई जिसमें जिला प्रशासन, गोस्वामी समाज और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
VIP दर्शन की व्यवस्था खत्म
सबसे बड़ा फैसला ये लिया गया कि अब बांके बिहारी मंदिर में VIP दर्शन की व्यवस्था पूरी तरह बंद कर दी गई है। पहले कुछ खास लोगों को विशेष पर्ची के जरिए बिना लाइन दर्शन की सुविधा दी जाती थी लेकिन अब सभी श्रद्धालु एक ही कतार में खड़े होकर भगवान के दर्शन कर सकेंगे। ये कदम भक्तों में समानता और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग गेट होंगे
मंदिर में अब प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग गेट तय किए जाएंगे। इससे भीड़ का दबाव कम होगा और भक्तों की आवाजाही आसान हो जाएगी। यह बदलाव दर्शन व्यवस्था को ज्यादा व्यवस्थित और सुरक्षित बनाएगा।
बदला गया मंदिर का समय, जानिए नई टाइमिंग
बैठक में गर्मी और सर्दी दोनों मौसमों के लिए मंदिर के दर्शन और आरती का नया समय तय किया गया है।
गर्मियों में दर्शन समय:
सुबह आरती: 7:00 से 7:15 बजे
दर्शन: 7:15 से 12:30 बजे
दोपहर आरती: 12:30 से 12:45 बजे
शाम दर्शन: 4:15 से 9:30 बजे
रात आरती: 9:30 से 9:45 बजे
सर्दियों में दर्शन समय:
सुबह आरती: 8:00 से 8:15 बजे
दर्शन: 8:15 से 1:30 बजे
दोपहर आरती: 1:30 से 1:45 बजे
शाम दर्शन: 4:00 से 9:00 बजे
रात आरती: 9:00 से 9:15 बजे
लाइव दर्शन की मिलेगी सुविधा
बैठक में बांके बिहारी मंदिर में लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा शुरू करने पर भी सहमति बनी है। इससे देश-दुनिया के भक्त अब घर बैठे भी ठाकुर जी के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर के गर्भगृह के पास बने एक सील कमरे को खोलने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इसके लिए एक विशेष कमेटी बनाई गई है जिसमें सिविल जज, ऑडिटर, क्षेत्राधिकारी वृंदावन और गोस्वामी समाज के सदस्य शामिल होंगे। कमरे को खोलते समय पूरी वीडियोग्राफी की जाएगी और सामान की इन्वेंटरी बनाकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
संपत्तियों और खातों का होगा विशेष ऑडिट
मंदिर की चल और अचल संपत्तियों की पूरी जानकारी 15 दिनों के भीतर कमेटी को सौंपी जाएगी। साथ ही 2013 से 2016 तक के खातों का विशेष ऑडिट कराया जाएगा ताकि कोई भी वित्तीय गड़बड़ी न छिपी रह जाए। इन सारे बदलावों का मकसद सिर्फ एक है—श्रद्धालुओं को बेहतर, पारदर्शी और समान दर्शन व्यवस्था देना। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मंदिर अब एक नई व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है जो हर भक्त के लिए न्यायपूर्ण और सुविधाजनक होगी।
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