Bareilly Viral News: चलती ट्रेन से उड़ाए लाखों के नोट, ट्रैक पर मची लूट, मोबाइल की टॉर्च से ढूंढते दिखे लोग
- Ankit Rawat
- 17 Sep 2025 03:22:48 PM
बरेली जिले के फरीदपुर में मंगलवार रात एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो फिल्मी सीन जैसा लग रहा था। लखनऊ से बरेली जा रही ट्रेन से एक शख्स ने खिड़की से बाहर लाखों के नोट उड़ाए। रात के समय नोटों की यह बरसात देखकर लोग हैरान रह गए और उन्हें बटोरने के लिए रेलवे ट्रैक पर टूट पड़े।
टॉर्च जलाकर लोग खोजते रहे नोट
घटना के वक्त ट्रेन फरीदपुर इलाके से गुजर रही थी। जैसे ही लोगों ने नोट उड़ते देखे, उन्हें शुरुआत में कुछ समझ नहीं आया। लेकिन जब पास जाकर देखा तो पता चला कि ये तो 100 रुपए और 500 रुपए के असली नोट हैं। इसके बाद तो लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग अपने मोबाइल की टॉर्च जलाकर ट्रैक पर बिखरे नोटों को खोजने लगे।
वीडियो हुआ वायरल
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रेलवे ट्रैक पर दर्जनों लोग इधर-उधर भागते हुए नजर आ रहे हैं और कुछ लोग नोट उठाकर जेब में डालते दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह सब मंगलवार रात करीब 10 बजे के आस-पास हुआ। फरीदपुर के लाइन पार मठिया मंदिर के पास रहने वाले लोगों ने भी इसकी पुष्टि की है।
पुलिस भी हैरान
इस अजीबोगरीब घटना की कोई आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। फरीदपुर इंस्पेक्टर राधेश्याम ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी। हालांकि लोगों के कॉल जरूर आ रहे हैं जिनमें इस पूरी घटना की बात बताई जा रही है। इंस्पेक्टर ने कहा कि वो इस मामले की सच्चाई जानने की कोशिश करेंगे।
नोट असली थे या नकली!
लोगों का दावा है कि ट्रेन से फेंके गए नोट पूरी तरह असली थे। हालांकि रात का समय होने और अफरातफरी के माहौल में कोई यह पक्का नहीं कह पाया कि सभी नोट असली ही थे। कुछ लोगों ने अपने पास सबूत के तौर पर वीडियो और कुछ नोटों की तस्वीरें भी रख ली हैं।
क्या था मकसद? कौन था वो शख्स?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि ट्रेन से नोट फेंकने वाला वो शख्स कौन था और उसने ऐसा क्यों किया। कहीं ये कोई काला धन ठिकाने लगाने का तरीका तो नहीं था या फिर किसी की सनक? जब तक पुलिस पूरी जांच नहीं कर लेती, तब तक ये राज बना रहेगा।
ट्रैक पर पैसे लूटने पहुंचे लोग
हैरानी की बात ये भी रही कि इतने लोग बिना कुछ सोचे समझे रेलवे ट्रैक पर उतर गए। किसी को अपनी जान की परवाह नहीं थी। सबके सिर पर तो जैसे "पैसा कमाओ अभियान" सवार था। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी ट्रैक के आसपास पहुंच गए थे।
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