सीतापुर में बाघ का आतंक, खेत गई 18 साल की युवती को जंगल में खींच ले गया बाघ, गांव में दहशत का माहौल
- Shubhangi Pandey
- 18 Sep 2025 02:09:48 PM
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक और भयावह घटना सामने आई है। मछरेहटा थाना क्षेत्र के ग्राम राठौरपुरवा में 18 वर्षीय युवती कामिनी खेत में शौच के लिए गई थी, तभी एक बाघ ने उस पर हमला कर दिया और उसे अपने साथ जंगल की ओर खींच ले गया। यह घटना युवती की मां की आंखों के सामने घटी, जिन्होंने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया, लेकिन तब तक बाघ युवती को लेकर काफी दूर निकल चुका था। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जमा हो गई और वन विभाग को तुरंत सूचित किया गया। सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। ड्रोन की मदद से भी जंगल के अंदर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अब तक युवती का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
गांव में दहशत
परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पहले भी इस इलाके में जंगली जानवरों की गतिविधियां देखी गई हैं, लेकिन वन विभाग की ओर से कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब एक मासूम बेटी की जान खतरे में है और पूरा गांव भय के साए में जी रहा है। कामिनी की मां का कहना है कि वह अपनी बेटी के साथ खेत की ओर गई थीं। तभी अचानक एक बाघ झाड़ियों से निकला और कामिनी पर झपट पड़ा। उन्होंने चीख-पुकार की, लेकिन बाघ बेहद तेज़ी से उसे खींचकर ले गया। इस भयावह मंजर ने मां को सदमे में डाल दिया है और गांव में मातम जैसा माहौल बन गया है।वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि घटना को गंभीरता से लिया गया है और बाघ की तलाश के लिए पूरी टीम तैनात कर दी गई है। आसपास के गांवों को अलर्ट किया गया है और लोगों से अपील की गई है कि वह अकेले खेत या जंगल की ओर न जाएं। स्थानीय प्रशासन ने भी घटना पर चिंता जताई है और कहा है कि युवती की तलाश के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, ग्रामीणों ने मांग की है कि गांव के पास बसे जंगलों में सक्रिय बाघों को पकड़कर दूसरे सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह घटना न सिर्फ सीतापुर बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है कि वन्यजीवों और इंसानों के बीच बढ़ते टकराव को अब नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। जब तक वन विभाग और प्रशासन मिलकर ठोस कदम नहीं उठाते, तब तक ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे। फिलहाल गांव में दहशत का माहौल है, और परिजन अपनी बेटी की सलामती की उम्मीद में बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
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