Gangster Mukhtar Ansari के बेटे Umar Ansari की जमानत मंजूर, फर्जी हस्ताक्षर मामले में मिली जमानत
- Ankit Rawat
- 19 Sep 2025 04:37:08 PM
गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त जमीन छुड़ाने के लिए मां के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप में फंसे मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। इससे उमर को फिलहाल जेल से बाहर आने की उम्मीद मिली है। ये मामला गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र से जुड़ा है जहां उमर के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने उमर अंसारी को 4 अगस्त को लखनऊ स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार किया था। इस मामले में मोहम्मदाबाद थानाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज कराई थी। पहले 21 अगस्त को गाजीपुर की एडीजे प्रथम कोर्ट ने उमर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उमर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। उमर की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने पैरवी की। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर उमर को अस्थायी राहत दे दी।
क्या है पूरा मामला?
ये मामला मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी की उस संपत्ति से जुड़ा है जो सदर कोतवाली क्षेत्र के बल्लभ देवढ़ी दास मोहल्ले में स्थित है। इस संपत्ति को डीएम के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया गया था। आरोप है कि उमर ने कुर्क संपत्ति को छुड़ाने के लिए फर्जी वकालतनामा दाखिल किया जिसमें उनकी मां अफशां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। अफशां अंसारी फरार हैं और उन पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है।
जमानत के बाद उमर को मिली राहत
हाईकोर्ट से मिली जमानत उमर को अस्थायी राहत जरूर देगी लेकिन मामला अभी न्यायिक प्रक्रिया में है। फर्जी हस्ताक्षर और दस्तावेज के आरोपों की जांच जारी रहेगी। पुलिस इस मामले में सख्ती बरत रही है क्योंकि अफशां अंसारी अभी भी फरार हैं। वहीं उमर अंसारी को अब कोर्ट में अपनी सफाई देने का मौका मिल गया है।
बता दें कि उमर अंसारी की गिरफ्तारी और जमानत पर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा हो रही है। सपा परिवार के विवादित चेहरों में शामिल उमर के इस मामले ने एक बार फिर से सुर्खियां बटोरी हैं। कानूनी जानकारों का कहना है कि इस तरह के मामलों में कोर्ट जमानत देते हुए सावधानी बरतता है। अभी केस की आगे की सुनवाई तय होनी बाकी है। उमर अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत ने उन्हें फिलहाल राहत दी है लेकिन फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर के आरोपों के चलते उनकी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुईं। कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया जारी रहेगी और जांच पूरी होने के बाद ही अंतिम फैसला आएगा। इस केस की अगली सुनवाई पर सभी की नजर बनी हुई है।
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