सियासी तूफान के बीच फंसी IAS Shruti Singh! Shivpal Yadav से माफी के बाद सुर्खियों में Bulandshahr DM, जानिए कौन हैं
- Ankit Rawat
- 20 Sep 2025 09:06:43 PM
उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर की जिलाधिकारी IAS श्रुति सिंह इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह है समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव का फोन न उठाना। इस घटना ने श्रुति सिंह को उत्तर प्रदेश की सियासत और सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा चेहरा बना दिया। मामला इतना बढ़ा कि उन्हें विधानसभा अध्यक्ष तक से कारण बताओ नोटिस मिला और अंत में माफी मांगनी पड़ी। अब सबके मन में सवाल है कि आखिर IAS श्रुति सिंह कौन हैं और उनका करियर कैसा रहा है।
पहली बार में पास किया UPSC
श्रुति सिंह 2011 बैच की IAS अधिकारी हैं। वो मूल रूप से पंजाब की रहने वाली हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के नामी सेंट स्टीफंस कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक करने के बाद उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की। खास बात ये रही कि उन्होंने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली। साल 2011 में उन्होंने 16वीं रैंक हासिल की और IAS अधिकारी बन गईं। उनकी मेहनत और सफलता उस समय भी चर्चा का विषय बनी थी।
मिली हैं कई अहम जिम्मेदारियां
IAS श्रुति सिंह ने अपने करियर में कई अहम पदों पर काम किया है। वो यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने अपर मिशन निदेशक (NHM), नोएडा की एडिशनल CEO और बलरामपुर व फतेहपुर की जिलाधिकारी के रूप में भी जिम्मेदारी निभाई। फिलहाल वो बुलंदशहर की जिलाधिकारी हैं और प्रशासनिक सख्ती और साफ-सुथरी छवि के लिए जानी जाती हैं।
शिवपाल यादव से क्यों मांगनी पड़ी माफी?
ये विवाद तब शुरू हुआ जब सपा महासचिव और वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने एक कार्यकर्ता से जुड़े मामले में जिलाधिकारी श्रुति सिंह से संपर्क करने की कोशिश की। उन्होंने कई बार फोन किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। इससे नाराज होकर शिवपाल यादव ने सीधे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से शिकायत कर दी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने श्रुति सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। नोटिस के बाद श्रुति सिंह ने अपनी गलती स्वीकार की और शिवपाल यादव से माफी मांगी। इसके बाद मामला शांत हुआ, लेकिन इस घटना ने IAS अफसर को अचानक सुर्खियों में ला दिया।
क्यों आ गईं चर्चा में?
सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक अब हर जगह IAS श्रुति सिंह का नाम लिया जा रहा है। लोग उनकी सफलता और कड़े प्रशासनिक अंदाज को याद कर रहे हैं, वहीं कई लोग मानते हैं कि एक बड़े नेता का कॉल न उठाना अफसरशाही का हिस्सा नहीं होना चाहिए।
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