Navratri से पहले Yogi सरकार का तोहफा: महंगाई पर राहत, नशे पर गहरा वार! “नमो मैराथन” से युवाओं को संदेश
- Ankit Rawat
- 21 Sep 2025 05:17:29 PM
उत्तर प्रदेश में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जनता को दो बड़े संदेश दिए. एक महंगाई से राहत, दूसरा नशा मुक्त भारत की दिशा में बढ़ने का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में GST सुधारों की घोषणा हुई। इन सुधारों के तहत जरूरी चीजों जैसे दूध, दही, घी, पनीर, शिक्षा सामग्री पर टैक्स कम किया गया है ताकि आम लोगों को तुरंत राहत मिले। दूसरी ओर जो वस्तुएं नशे से जुड़ी हों या जो समाज में फिजूल खर्ची बढ़ाती हों उन पर भारी टैक्स लगाकर नीति बनाई गई है।
ये बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे। सरकारी आंकड़ो के मुताबिक इससे युवाओं की सपने सच होने की राह आसान होगी, खरीदारी की शक्ति बढ़ेगी और बाजार में ताकत बढ़ेगी।
नमो मैराथन से युवाओं को संदेश
इस मौके पर नमो मैराथन का आयोजन किया गया। सीएम योगी ने कहा कि इस मैराथन का मकसद सिर्फ एक दौड़ नहीं बल्कि युवाओं में नशे से दूर रहने की चेतना जगाना है और विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाना है। मौर्य ने भी एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम से मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा “जिस ओर जवानी चलेगी उसी ओर जमाना चलेगा”।
17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर, स्वच्छता अभियान और तमाम कार्यक्रम हो रहे हैं। इन कार्यक्रमों का मकसद लोगों में स्वास्थ्य, शक्तिशाली समाज और समाज में अनुशासन की भावना बढ़ाना है। सीएम योगी का कहना है कि जब महिलाएँ स्वस्थ होंगी समाज सशक्त होगा। युवा शक्ति पर सीएम योगी का भरोसा है। उन्होंने कहा कि यदि जवानी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगी तो देश की तरक्की होगी। लेकिन यदि नशे की ओर झुकेगी तो नुकसान ज्यादा होगा। इसलिए नशे को समाज में बुराई मानते हुए उसे ठीक उसी तरह खत्म करना चाहिए जैसे विजयादशमी पर रावण दहन किया जाता है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस नवरात्रि का पर्व सिर्फ पूजा का नहीं बनेगा बल्कि नशा मुक्ति, जनकल्याण और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस कदम होगा। GST सुधारों से महंगाई में कमी आएगी, युवाओं की क्रय शक्ति बढ़ेगी और समाज में जागरूकता फैलेगी। आने वाले दिनों में ये देखना होगा कि क्या GST सुधारों के असर उन तक पहुंचेंगे जिन्हें सबसे ज्यादा शर्मिंदगी और आर्थिक बोझ झेलना पड़ता रहा है। शुरुआती संकेत मजबूत हैं कि जनता बदलाव की राह चुनने को तैयार है।
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