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Ayodhya की धन्नीपुर मस्जिद का नया अवतार! अवधी शैली में बनेगी भव्य मस्जिद, विदेशी डिजाइन खारिज

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अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद को लेकर ताजा अपडेट ने सबका ध्यान खींचा है। मस्जिद का पुराना नक्शा खारिज होने के बाद अब नया डिजाइन तैयार किया जा रहा है। पहले का डिजाइन खाड़ी देशों की मस्जिदों जैसा था, जिसे लोगों ने पसंद नहीं किया। अब मस्जिद को अवधी शैली में बनाया जाएगा, जिसमें स्थानीय संस्कृति की झलक होगी। मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी ने बताया कि नया नक्शा जल्द ही अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) को सौंपा जाएगा।  

अवधी शैली में सजेगी मस्जिद
नए डिजाइन में मस्जिद का स्वरूप पूरी तरह अवधी स्थापत्य पर आधारित होगा। मस्जिद के बीच में एक बड़ा गुंबद होगा और चारों ओर पांच मीनारें खड़ी होंगी। विदेशी मस्जिदों की तरह ज्यादा शीशे का इस्तेमाल नहीं होगा। फारुकी ने कहा कि स्थानीय लोग विदेशी डिजाइन से खुश नहीं थे। इसलिए अब अवधी संस्कृति को ध्यान में रखकर नया नक्शा तैयार किया गया है। ये डिजाइन अयोध्या की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देगा।  

पुराना नक्शा क्यों हुआ खारिज?
पहले का नक्शा जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्ट एमएस अख्तर ने बनाया था, जो खाड़ी देशों की मस्जिदों से प्रेरित था। इसे 2021 में ADA में जमा किया गया था। लेकिन स्थानीय निवासी ओम प्रकाश सिंह की RTI से खुलासा हुआ कि फायर डिपार्टमेंट की आपत्तियों और जरूरी NOC न मिलने की वजह से इसे अप्रैल 2024 में खारिज कर दिया गया। फारुकी ने कहा कि पुराना नक्शा समाज को पसंद नहीं था, इसलिए इसका खारिज होना कोई मसला नहीं है।  

2024 में तैयार हुआ नया डिजाइन
मस्जिद ट्रस्ट ने 2024 में नया डिजाइन लॉन्च किया था, जिसे पुणे के मशहूर आर्किटेक्ट इमरान शेख ने तैयार किया है। ये नक्शा अब लगभग तैयार है और अगले कुछ हफ्तों में ADA को सौंपा जाएगा। ट्रस्ट का दावा है कि नया डिजाइन सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ होगा ताकि मंजूरी में देरी न हो। इस डिजाइन को स्थानीय लोगों की भावनाओं के साथ जोड़कर बनाया गया है, जिससे मस्जिद निर्माण में रुकावटें कम होने की उम्मीद है।  

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और भविष्य
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को धन्नीपुर में 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। 23 जून 2021 को ये जमीन औपचारिक रूप से दी गई, लेकिन तब से निर्माण कार्य रुका हुआ था। अब नए अवधी डिजाइन के साथ मस्जिद निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ट्रस्ट इस प्रोजेक्ट को गति दे रहा है। स्थानीय लोग इस नए डिजाइन से उत्साहित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि ये मस्जिद अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बनेगी।

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