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PM Modi के गोद लिए गांव में हंगामा! किसान और नगर निगम के बीच टकराव? इस वजह से फूटा गुस्सा

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वाराणसी के डोमरी गांव में उस समय हड़कंप मच गया, जब सैकड़ों किसानों और स्थानीय लोगों ने नगर निगम पर उनकी 300 बीघा जमीन हड़पने का आरोप लगाया। ये वही गांव है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था। 27 सितंबर 2025 को किसानों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया, क्योंकि उनकी शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं हो रही। उनका कहना है कि नगर निगम बिना दस्तावेज देखे उनकी जमीन पर कब्जा कर रहा है।  

300 बीघा जमीन का विवाद
किसानों का आरोप है कि डोमरी गांव को ग्राम पंचायत से हटाकर नगर निगम के दायरे में शामिल करने के बाद उनकी जमीन पर मनमाने ढंग से कब्जा शुरू हो गया। उनके पास खसरा-खतौनी और रजिस्ट्री जैसे वैध दस्तावेज हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें देखने को तैयार नहीं। किसानों का कहना है कि 2 अक्टूबर को नगर निगम और बीजेपी कार्यकर्ता उनकी जमीन पर 3 लाख पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं। वो इसे सरकारी योजना के नाम पर जबरन अधिग्रहण बता रहे हैं और इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।  

किसानों की पुकार: "हमारी जमीन छीनना अन्याय"
प्रदर्शन में शामिल सैकड़ों किसान, महिलाएं और स्थानीय लोग गुस्से में हैं। उनका कहना है कि उनकी जमीन उनकी आजीविका का आधार है। एक किसान ने कहा, "हमारे पास सारे कागजात हैं, फिर भी कोई सुन नहीं रहा। गरीब किसान की जमीन छीनकर पेड़ लगाना कहां का न्याय है?" कई महिलाओं ने बताया कि इस कार्रवाई ने उन्हें बेरोजगारी और भुखमरी की कगार पर ला खड़ा किया है। वो मांग कर रहे हैं कि उनकी जमीन वापस की जाए और बर्बाद फसलों का मुआवजा मिले।  

नगर निगम का जवाब: "ये सरकारी जमीन है"
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विवादित जमीन सरकारी रिकॉर्ड में नगर निगम की है और इसका सीमांकन हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर 1 घंटे में 2 लाख से ज्यादा पेड़ लगाने का लक्ष्य है। वर्मा ने कहा, "अगर कोई इस जमीन पर दावा करता है तो वो अवैध कब्जा है।" इस बयान ने किसानों के गुस्से को और भड़का दिया है। वो इसे अपनी जमीन का जबरन अधिग्रहण बता रहे हैं।  

बता दें कि डोमरी गांव का ये विवाद अब सियासी रंग ले रहा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वो बड़ा आंदोलन करेंगे। राष्ट्रीय किसान परिषद के बैनर तले अनशन शुरू हो चुका है। लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी ये मामला चर्चा में है, जहां लोग इसे पीएम के गोद लिए गांव में अन्याय बता रहे हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या किसानों को उनकी जमीन वापस मिलेगी या विवाद और बढ़ेगा।

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