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अब इस जेल में बंद रहेगा अतीक अहमद का बेटा अली, जहां कई बाहुबली भी काट चुके हैं रातें

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प्रयागराज की नैनी जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का बेटा अली अहमद का अब जेल बदलने वाला है। अब अली का नया ठिकाना झांसी जेल होगा। आज सुबह करीब 6:10 बजे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच अली को सरकारी काफिले के साथ झांसी के लिए रवाना किया गया। जेल ट्रांसफर का ये फैसला अचानक हुआ जिससे पुलिस महकमे में हलचल मच गई। अली को हाई रिस्क कैटेगरी में रखा गया है और रास्ते भर उसके साथ करीब 20 सशस्त्र पुलिसकर्मी, चार ORT सदस्य और एक पीएसी यूनिट तैनात रही।

झांसी जेल का खौफनाक इतिहास 
झांसी जेल का नाम आते ही कई बड़े माफियाओं की यादें ताजा हो जाती हैं। यही वो जेल है जहां कभी कुख्यात गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी को रखा गया था। जिसे बाद में बागपत जेल भेजा गया और वहीं उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा मुख्तार अंसारी भी झांसी जेल में बंद रह चुका है। अब अली अहमद का नाम भी उसी लिस्ट में जुड़ गया है जिसने जेल की इन दीवारों को अपनी नई पहचान बना ली है।

क्यों बदली गई अली की जेल?
अली अहमद पहले प्रयागराज की नैनी जेल में बंद था। लेकिन 25 जून 2025 को जेल की रुटीन चेकिंग के दौरान उसकी बैरक से 1100 रुपये नकद बरामद हुए। जेल नियमों के हिसाब से ये एक गंभीर उल्लंघन माना गया और इस मामले में दो जेल अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया गया। इसके बाद अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में भेजा गया और फिर कुछ ही हफ्तों बाद जेल ट्रांसफर का फैसला लिया गया।

इन मामलों में आरोपी है अली अहमद
अली पर कई संगीन आरोप हैं। सबसे चर्चित मामला उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ा है जिसमें अली भी आरोपी है। इसके अलावा उस पर आरोप है कि उसने एक प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से 5 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। जुलाई 2022 में अली ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था और तब से जेल में बंद है। अतीक अहमद की तरह अली का भी आपराधिक नेटवर्क लंबे समय से चर्चा में रहा है।

कड़ी सुरक्षा में तय हुआ रास्ता
नैनी से झांसी तक का सफर करीब 420 किलोमीटर लंबा है जिसे लगभग सात घंटे में तय किया गया है। इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। काफिले की निगरानी ड्रोन और मोबाइल सर्विलांस से भी की गई ताकि किसी भी तरह की चूक न हो। अली को लेकर प्रशासन किसी भी खतरे को नजरअंदाज नहीं करना चाहता।

झांसी जेल की सख्त निगरानी में रहेगा अली
झांसी जेल में अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा जाएगा जहां चौबीसों घंटे निगरानी होगी। उसकी हर गतिविधि पर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी। झांसी जेल में पहले ही कई बड़े अपराधी रह चुके हैं इसलिए यहां की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था बेहद सख्त मानी जाती है।

अतीक का गिरता साम्राज्य
अली अहमद का झांसी शिफ्ट होना सिर्फ एक जेल ट्रांसफर नहीं बल्कि अतीक अहमद के उस काले साम्राज्य का एक और पतन है जो सालों तक यूपी की राजनीति और अपराध की धुरी बना रहा। अतीक खुद इस वक्त कई मामलों में सजायाफ्ता है और उसके करीबी या बेटे एक-एक कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। अब झांसी जेल की सख्त दीवारों के पीछे अली की नई जिंदगी शुरू हो चुकी है। वही जेल जिसने कभी यूपी के सबसे कुख्यात चेहरों को कैद रखा, अब अतीक के बेटे को अपने भीतर समेट चुकी है। बता दें कि अली अहमद का झांसी जेल ट्रांसफर एक बड़ा प्रशासनिक फैसला है जो साफ करता है कि कानून का शिकंजा अब किसी रसूख या परिवारिक नाम से नहीं डरता। झांसी जेल की दीवारें एक बार फिर उस स्याह इतिहास की गवाह बनने जा रही हैं, जहां अपराधी चाहे कोई भी हो, कानून के आगे झुकना ही पड़ता है।

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