माउजर, रिवॉल्वर से राइफल तक.... Raja Bhaiya ने दशहरे पर दिखाया अपना असलाहों का जखीरा
- Ankit Rawat
- 03 Oct 2025 06:48:20 PM
प्रतापगढ़ के कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने इस दशहरे पर ऐसा शस्त्र पूजन किया कि उसकी चर्चा तह तक हो गई। उन्होंने अपने और समर्थकों के 300 से अधिक लाइसेंसी हथियारों की पूजा की । माना जा रहा है कि इस प्रदर्शन के पीछे पत्नी भानवी सिंह के लगाये गए हथियारों को लेकर आरोपों का जवाब देना था।
शस्त्र पूजन का भव्य आयोजन
बेती महल परिसर में स्थित हनुमान मंदिर में राजा भैया ने विद्वान पंडितों के साथ विधि-विधान से शस्त्र पूजन किया। कार्यक्रम में रिवॉल्वर, पिस्टल, बंदूक, राइफल, तलवार सहित कई आधुनिक और पारंपरिक हथियार सजाये गए। माना जाता है कि 30 से अधिक हथियार सीधे राजा भैया के नाम पर थे। समर्थकों ने भी अपने हथियार इस पूजा में शामिल किए। इस तरह पहली बार खुलेआम इतने बड़े जखीरे का पूजन कर गए।
राजा भैया का जवाब
कुछ समय पहले भानवी सिंह ने सोशल मीडिया पर राजा भैया पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि उनके पति के पास मास डिस्ट्रक्शन लेवल के अवैध विदेशी हथियारों का जखीरा है। ये आरोप उस समय सुर्खियों में आया जब उन्होंने PMO को शिकायत भी दर्ज करवाई थी। राजा भैया ने इस बार अपने पूरे जखीरे को सार्वजनिक कर के जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि ये शस्त्र पूजन सनातन धर्म की परंपरा है और इन हथियारों का प्रदर्शन किसी शक्ति प्रदर्शन का माध्यम नहीं है। उन्होंने ये भी कहा, “ये सारे हथियार हमारे हैं, समर्थकों के भी हैं”।
राजा भैया के पास इतने हथियार कैसे?
इस पूरे मामले में सवाल खड़े हो गए हैं कि राजा भैया के पास इतने हथियार कैसे हैं? शस्त्र पूजन की तस्वीरों में कई प्रकार के हथियारों की झड़ी दिख रही है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि उन्होंने 200 से अधिक हथियार टेबल पर सजाये थे। जहां कुछ समर्थक बहस को धर्म परंपरा से जोड़ते हैं, वहीं विरोधी इसे दबंगई और हथियारबल प्रदर्शन की कोशिश मानते हैं। मीडिया और सोशल मीडिया में इस घटना ने तेजी से सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या ये सब लाइसेंस के दायरे में था या नहीं।
बता दें कि राजा भैया की इमेज और राजनीतिक छवि को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं और ज्यादा गर्म हो गई हैं। समर्थक इसे उनके साहस और परंपरा से जोड़ रहे हैं जबकि आलोचक इसे निजी हथियारों के ज़खीरे का सार्वजनिक प्रदर्शन मान रहे हैं। भानवी सिंह के आरोपों के बाद ये शस्त्र पूजन एक तरह का सार्वजनिक दोहरा जवाब माना जा रहा है। इलाके की राजनीति, सुरक्षा और हथियार नियंत्रण पर ये किस तरह असर डालेगी, ये आने वाले समय में देखा जाएगा।
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