Bareilly Violence: जिले में फिर चलेगा पीला पंजा, Tauqeer Raza को पनाह देने वाले Farhat Khan के घर पहुंचेगा बुलडोजर?
- Ankit Rawat
- 03 Oct 2025 06:55:17 PM
उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘I Love Muhammad’ पोस्टर विवाद से उपजी हिंसा के बाद प्रशासन ने आरोपी और उनके सहयोगियों की संपत्तियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) आज उस घर को सील करने जा रही है जिसमें मौलाना तौकीर रजा को छुपाया गया था। अगर कानून का रौब असर न दिखाए, तो बुलडोजर की कार्रवाई भी संभव है।
फरहत खान के मकान पर लगाई गई नोटिस
बरादरी थाना पुलिस के माध्यम से बीडीए ने फरहत खान के फाइक एन्क्लेव स्थित तीन मंजिला घर को 120 वर्ग मीटर प्लॉट पर अवैध निर्माण बताते हुए नोटिस भेजा। उत्तर प्रदेश शहरी नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 के प्रावधानों के तहत 30 सितंबर को इस निर्माण के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। नोटिस में स्पष्ट निर्देश थे कि 3 अक्टूबर से पहले मकान खाली किया जाए और इसकी जिम्मेदारी बारादरी थाना को सौंपी गई थी। लेकिन गुरुवार शाम तक मकान खाली नहीं किया गया।
आज होगा सील और संभावित ध्वस्तीकरण
आज मकान को सील करने के साथ ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी हो सकती है। अगर मकान खाली न हो, तो बुलडोजर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि फरहत खान इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के करीबी सहयोगी माने जाते हैं। कहा गया है कि मौलाना तौकीर उन्होंने उसी मकान में छुपने की बात की थी। बीडीए उपाध्यक्ष मणिकंदन ए ने आरोप लगाया कि फरहत और सहयोगियों ने सरकारी जमीन, सड़कों और छत क्षेत्रों पर अतिक्रमण किया है और नियमों का उल्लंघन किया है।
हिंसा के बाद प्रशासन ने की कार्रवाई
26 सितंबर को बरेली में ‘I Love Muhammad’ पोस्टर विवाद के बाद हुए प्रदर्शन में पथराव, उपद्रव और तनाव फैल गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, कई पुलिसकर्मी घायल हुए। इस हिंसा को सुनियोजित मानकर बहस कर रहे हैं। अभी तक प्रशासन ने 82 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और 10 से अधिक FIR दर्ज की हैं जिसमें 180 नामज़द और 2,500 अज्ञात नाम शामिल हैं। प्रशासन ने फाइक एन्क्लेव, जगतपुर और पुराने शहर इलाकों में कई अवैध संपत्तियां चिन्हित की हैं, जो मौलाना और उनके समर्थकों से जुड़ी मानी जाती हैं। होटल, लॉन, गैरेज और दुकानों पर कार्रवाई की गई है।
फरहत खान के मकान को सील या ध्वस्त करना सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि सरकार की सख्ती की झलक है। यह कदम यह संदेश देता है कि हिंसा के बाद प्रशासन अपराधियों पर कड़ा हाथ रखना चाहता है। इस कार्रवाई से विवाद और राजनीतिक जलते मुद्दे भी उभर सकते हैं। मौलाना तौकीर रजा और उनकी गतिविधियों को लेकर पुलिस की निगरानी बढ़ गई है। अलग-अलग इलाकों में छापेमारी और अवैध निर्माणों की जांच जारी है। अब यह देखना होगा कि सीलिंग कार्रवाई कितनी गहरी जाती है और मौलाना–समर्थक किस तरह इसका सामना करते हैं।
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