संभल में मस्जिद पर चलेगा बुलडोजर! हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका, याचिका खारिज
- Shubhangi Pandey
- 04 Oct 2025 05:58:55 PM
संभल की गौसुलवरा मस्जिद पर मंडरा रहे खतरे को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की मांग की गई थी लेकिन कोर्ट ने फिलहाल ऐसी कोई राहत नहीं दी। मस्जिद कमेटी का आरोप है कि प्रशासन बिना आदेश के ही मस्जिद तोड़ने की कार्रवाई कर रहा था। वहीं प्रशासन का कहना है कि ये मस्जिद तालाब की जमीन पर बनी है और अवैध कब्जा हटाया जा रहा है।
कोर्ट ने क्या कहा आदेश में ?
हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि याची को पहले ट्रायल कोर्ट में अपील करनी चाहिए। कोर्ट ने ये निर्देश देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया। खास बात ये रही कि लगातार दूसरे दिन छुट्टी के दिन भी अर्जेंट बेंच बैठाई गई और सुबह 10 बजे सुनवाई की गई। मस्जिद कमेटी की ओर से अदालत में जमीन से जुड़े दस्तावेज पेश किए गए। शुक्रवार को कोर्ट ने इन्हीं दस्तावेजों की मांग की थी। मस्जिद के वकील अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट के कहने के बाद ही उन्हें ध्वस्तीकरण आदेश की कॉपी सौंपी गई। उनका दावा है कि बिना किसी आदेश के मस्जिद को गिराने की कोशिश हो रही थी।
बारात घर और अस्पताल पर चला बुलडोजर
इस केस में सिर्फ मस्जिद ही नहीं बल्कि बारात घर और एक अस्पताल को भी शामिल किया गया है। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में तीनों पर चल रही ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी। मस्जिद की तरफ से मुतवल्ली मिंजर और मसाजिद शरीफ गोसुलबारा रावां बुजुर्ग की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष ने दलील दी कि 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती और दशहरे जैसे दिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई जिससे इलाके में तनाव फैल सकता था।
अवैध निर्माण पर प्रशासन का तर्क
प्रशासन का कहना है कि बारात घर तालाब की जमीन पर बना हुआ है और मस्जिद का कुछ हिस्सा भी सरकारी जमीन पर है। इसीलिए उसे गिराने की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि मस्जिद कमेटी का कहना है कि जो हिस्सा विवादित है उसे वो खुद ही हथौड़े से तोड़ रहे हैं ताकि माहौल ना बिगड़े। इसके बावजूद प्रशासन ने दबाव बनाकर कार्रवाई तेज कर दी।
कोर्ट में दोनों पक्षों की तीखी बहस
राज्य सरकार की ओर से चीफ स्टैंडिंग काउंसिल जे एन मौर्या और स्टैंडिंग काउंसिल आशीष मोहन श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। वहीं मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी और शशांक श्री त्रिपाठी ने दस्तावेजों और पुराने रिकॉर्ड के आधार पर बचाव किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद साफ किया कि अभी हाईकोर्ट सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगा और ट्रायल कोर्ट में अपील की सलाह दी।
बता दें कि अब मस्जिद कमेटी के पास ट्रायल कोर्ट में अपील करने का रास्ता बचा है। अगर वहां से भी राहत नहीं मिलती तो मस्जिद, बारात घर और अस्पताल का टूटना तय माना जा रहा है। फिलहाल इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर फोर्स की तैनाती कर दी है। अब देखना होगा कि कानूनी लड़ाई में आगे किस पक्ष को राहत मिलती है।
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