"....मैं बसों में धक्के नहीं खाऊंगी", स्कूटी नहीं दिलाई तो रूठी बीवी भागी मायके, जानें हैरान करने वाला मामला
- Ankit Rawat
- 26 Oct 2025 03:45:53 PM
आगरा की एक युवती का कहना है कि "मुझे घर और ऑफिस आने-जाने में बहुत दिक्कत होती है। रोज़ ऑटो और बसों में धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ता है। मैंने अपने पति से एक्टिवा लाने के लिए कहा था, लेकिन वह नहीं ला रहे हैं। मैं अब उनके साथ नहीं रहना चाहती।"
बता दें कि पत्नी अपने पति को छोड़कर छह महीने से अपने माता-पिता के घर रह रही थी। वह अपने पति से इसलिए नाराज़ थी क्योंकि उसने उसे स्कूटर नहीं दिलाया था। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस तक पहुंच गया। पुलिस ने मामले को परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया। शनिवार को पति-पत्नी की काउंसलिंग हुई। काउंसलरों ने दोनों पक्षों की बात सुनी और उन्हें समझाया। इसके बाद पति एक्टिवा खरीदने के लिए तैयार हो गया। उसने कहा कि मैं तुम्हें एक्टिवा दिला देता हूं अब घर चलो। मांग पूरी होने पर पत्नी खुशी-खुशी पति के साथ जाने को तैयार हो गई।
"मैं अब वहां नहीं रहना चाहती"
घरवालों ने पूछा तो मैंने कहा कि मैं अब वहां नहीं रहना चाहती। मुझे रोज़ ताने सुनने पड़ते थे। इसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। परिवार को टूटने से बचाने के लिए पुलिस ने मामला परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया। शनिवार 25 अक्टूबर को दोनों की काउंसलिंग हुई। काउंसलिंग के बाद दोनों ने साथ रहने का फैसला किया। बता दें कि शनिवार को परिवार परामर्श केंद्र में 96 दम्पतियों की काउंसलिंग की गई। 16 दम्पतियों के बीच समझौता हुआ और 20 मामलों का निपटारा किया गया। काउंसलर ने बताया कि न केवल महिलाओं को बल्कि पतियों को भी अपने पारिवारिक हालात को समझने की ज़रूरत है। काउंसलिंग के लिए आए ज़्यादातर मामले छोटी-मोटी घरेलू समस्याओं से जुड़े थे। इस दौरान पति-पत्नी को सहानुभूति, समझ और संवाद का महत्व समझाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि वैवाहिक जीवन में खुशहाली तभी आती है जब दोनों एक-दूसरे की समस्याओं और ज़रूरतों को समझें।
2022 में हुई थी शादी
आगरा के कागारौल क्षेत्र की एक युवती की शादी 2022 में झांसी के एक युवक से हुई थी। दोनों प्राइवेट नौकरी करते हैं। शादी के बाद उनका एक बच्चा हुआ। बच्चे की देखभाल के लिए महिला ने कुछ समय के लिए नौकरी से छुट्टी ले ली। वह 2024 में फिर से काम पर लौट आई। महिला ने बताया कि मुझे काम पर आने-जाने में काफी दिक्कत होने लगी। मैंने अपने पति से कहा कि मुझे एक स्कूटर दिला दो। क्योंकि अब मैं ऑटो और बसों में धक्का-मुक्की बर्दाश्त नहीं कर सकती। पति ने भी कहा कि दिला दूंगा। लेकिन एक साल तक नहीं दिलाया। इससे घर में हमेशा कलह होती रहती थी। महिला ने बताया कि मेरे पति हमेशा वादे तो करते थे, लेकिन उन्हें पूरा नहीं करते थे। गुस्से में आकर मार्च 2025 में मैं अपने बच्चे को लेकर अपने मायके चली गई।
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