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UP में उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर, राज्य में शुरू हुए विरोध के सुर

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यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की ऊंची कीमतों को लेकर बिजली उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है। राज्य विद्युत नियामक आयोग से मंज़ूरी न मिलने के बावजूद यूपी पावर कॉर्पोरेशन ने स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की कीमत 6,016 रुपे तय कर दी है । जो हरियाणा को छोड़कर सभी पड़ोसी राज्यों में सबसे ज़्यादा है। वहीं यूपी के उपभोक्ताओं को बाकी राज्यों की तुलना में ऊर्जा खपत पर सबसे कम छूट मिल रही है। यूपी विद्युत नियामक आयोग ने इस मामले में बिजली आपूर्ति कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा है। जबकि उपभोक्ता परिषद ने आधिकारिक तौर पर विरोध दर्ज कराया है। 

स्मार्ट प्रीपेड मीटर का शुल्क 6,016 रुपए तय
केंद्र सरकार की पुनर्वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) के तहत उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर निःशुल्क लगाए जा रहे हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश विद्युत निगम ने नए बिजली कनेक्शनों के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य कर दिया है। नए कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं से प्रति मीटर 6,016 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है। बिजली वितरण कंपनियों (DISCOM) ने इन शुल्कों की स्वीकृति के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में पहले ही एक याचिका दायर कर दी है। लेकिन आधिकारिक स्वीकृति न मिलने के बावजूद 10 सितंबर से शुल्क वसूले जा रहे हैं।

अब तक लगभग 20,243 नए स्मार्ट प्रीपेड कनेक्शन लगाए जा चुके हैं। जिनमें 12,944 घरेलू सिंगल-फ़ेज़ मीटर शामिल हैं। इनमें से 4,002 1 किलोवाट कनेक्शन वाले गरीब उपभोक्ता हैं। प्रति मीटर 6,016 रुपए की औसत लागत से केवल एक महीने में उपभोक्ताओं से लगभग 13.20 करोड़ रुपए वसूले गए हैं।

उत्तर प्रदेश सबसे कम छूट 
बता दें कि पांच पड़ोसी राज्यों बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और हरियाणा की तुलना में उत्तर प्रदेश उपभोक्ताओं को सबसे कम लाभ देता है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियां प्रत्येक मीटर के लिए 6,016 रुपए वसूलने के बावजूद ऊर्जा खपत पर केवल 2% की छूट देती हैं।

आस-पास के राज्यों से तुलना 

बिहार
यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर निःशुल्क लगाए जाते हैं। उपभोक्ता 70 रुपए प्रति माह का मामूली किराया देते हैं और बिजली खपत पर 0.25 रुपए प्रति यूनिट की छूट प्राप्त करते हैं।

उत्तराखंड
प्रदेश में सिंगल-फ़ेज़ नए कनेक्शन के लिए 5,000 रुपए का शुल्क लिया जाता है। उपभोक्ताओं को ऊर्जा उपयोग पर 3% की छूट मिलती है।

मध्य प्रदेश
नए और मौजूदा दोनों उपभोक्ताओं के लिए आरडीएसएस के तहत मीटर निःशुल्क लगाए जाते हैं। उपभोक्ताओं को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच उपयोग की गई ऊर्जा पर 20% की छूट मिलती है।

राजस्थान
उपभोक्ता नए सिंगल-फ़ेज़ कनेक्शन के लिए 2,500 रुपए का भुगतान करते हैं और उन्हें प्रति यूनिट 0.15 रुपए की छूट मिलती है।

हरियाणा
उपभोक्ता प्रति मीटर 8,415 रुपए का भुगतान करते हैं। जो उत्तर प्रदेश से ज़्यादा है लेकिन उन्हें ऊर्जा खपत पर 5% की छूट मिलती है।

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