अब रात 2: 30 बजे शुरू होगी संत प्रेमानंद जी की पदयात्रा, जानिए नया रूट और दर्शन का सही वक्त
- Shubhangi Pandey
- 30 Oct 2025 10:49:34 PM
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज को कौन नहीं जानता. उनके भक्त न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी मौजूद हैं. सोशल मीडिया पर भी प्रेमानंद जी के प्रवचन खूब वायरल रहते हैं. अपने सत्संगों के जरिए वो लोगों को जीवन, भक्ति और कर्म का सच्चा अर्थ समझाते हैं. अब उनके भक्तों के लिए एक जरूरी अपडेट आया है. महाराज की पदयात्रा का समय और शुरुआती जगह में थोड़ा बदलाव किया गया है.
पदयात्रा का नया समय और रूट
इंस्टाग्राम पेज ‘शिखर यात्रा’ पर हरिओम ठाकुर ने एक वीडियो जारी करके बताया कि प्रेमानंद जी महाराज की पदयात्रा अब पहले की तरह ही पुराने रूट पर हो रही है. बस फर्क इतना है कि अब ये श्री कृष्णम शरणम सोसाइटी से करीब 100-150 मीटर आगे से शुरू होगी. पहले ये पदयात्रा सुबह 4 बजे से निकला करती थी लेकिन अब इसका वक्त बदल गया है.
नई जानकारी के मुताबिक, अब संत प्रेमानंद जी महाराज की पदयात्रा रात करीब 2:30 बजे से शुरू होगी. इसलिए जो श्रद्धालु प्रेमानंद जी के दर्शन करने या उनके साथ पदयात्रा में शामिल होने का सोच रहे हैं, उन्हें अपने शेड्यूल में ये बदलाव जरूर ध्यान में रखना चाहिए.
भक्तों के बीच खास है पदयात्रा
प्रेमानंद जी की पदयात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि भक्ति और आत्मशांति का अनुभव है. इसमें शामिल होने वाले लोग बताते हैं कि इस यात्रा के दौरान उन्हें मन की गहराइयों में शांति और दिव्यता का एहसास होता है. हर साल हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में हिस्सा लेने वृंदावन पहुंचते हैं.
कौन हैं प्रेमानंद जी महाराज
प्रेमानंद जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है. उनके पिता शंभू पांडे और माता रामा देवी दोनों ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे. परिवार में बचपन से ही भक्ति का माहौल था जिसका असर प्रेमानंद जी पर गहराई से पड़ा.
महाराज ने 5वीं कक्षा में रहते हुए भगवद गीता का पाठ शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे उनका मन अध्यात्म की ओर झुकता गया. जब वो सिर्फ 13 साल के थे तब उन्होंने ब्रह्मचर्य जीवन अपनाने का निर्णय लिया और घर छोड़कर सन्यास मार्ग पर चल पड़े. उस वक्त उनका नाम आर्यन ब्रह्मचारी रखा गया.
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