बारिश ने किया कमाल, Kanpur की हवा अब हुई ताज़ा, AQI में भारी गिरावट
- Ankit Rawat
- 30 Oct 2025 10:56:26 PM
कानपुर में कई दिनों से सांस लेना मुश्किल हो गया था लेकिन मंगलवार रात की हल्की बारिश और बुधवार सुबह चली ठंडी हवाओं ने राहत दिला दी। शहर का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) जो पहले 190 से 210 के बीच था अब घटकर करीब 50 से 60 तक पहुंच गया। ये गिरावट सीधे ‘बहुत खराब’ से ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आने जैसा बड़ा बदलाव है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और नमी की वजह से हवा में तैरते धूल और प्रदूषण के कण नीचे बैठ गए जिससे वातावरण फिलहाल कुछ साफ हो गया है।
कई इलाकों में साफ हवा
शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता में बड़ा सुधार देखा गया है। ग्रीन पार्क, किदवई नगर, नेहरू नगर, मोतीझील और स्वरूप नगर में AQI 52 से 58 के बीच रिकॉर्ड किया गया। इन इलाकों में सुबह की हवा हल्की ठंडी और ताज़ा महसूस हुई। हालांकि पनकी और फजलगंज जैसे औद्योगिक इलाकों में स्थिति अब भी पूरी तरह ठीक नहीं है। वहां AQI 90 से 150 के बीच बना हुआ है, यानी हवा अभी भी ‘मॉडरेट’ श्रेणी में है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे ही ट्रैफिक और फैक्ट्रियों का काम फिर से तेज़ होगा, हवा में धूल और धुआं दोबारा बढ़ सकता है।
शहरवासियों ने ली राहत की सांस
कानपुर के लोगों ने आज सुबह कई दिनों बाद राहत महसूस की। पार्कों में टहलने वाले लोगों ने बताया कि अब बिना मास्क के सांस लेना आसान लग रहा है। बच्चों और साइकिल चलाने वालों ने भी ठंडी और नम हवा का आनंद लिया। डॉक्टरों का कहना है कि AQI 50 से 60 के बीच रहने पर हवा सामान्य लोगों के लिए सुरक्षित होती है, लेकिन जिन लोगों को अस्थमा या सांस की दिक्कत है, उन्हें अभी भी सावधान रहना चाहिए।
प्रशासन ने की अपील
नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि ये सुधार सिर्फ मौसम की वजह से हुआ है। स्थायी सुधार तभी संभव है जब लोग खुद भी प्रदूषण कम करने की कोशिश करें। सड़क किनारे कचरा जलाना, ज़रूरत से ज़्यादा गाड़ियों का इस्तेमाल और निर्माण कार्यों में लापरवाही ये तीन बड़ी वजहें हैं जिनसे हवा फिर गंदी होती है। नगर निगम ने सड़कों पर पानी छिड़कने और सफाई बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि धूल दोबारा न उड़े।
एक्सपर्ट बोले – सावधानी ही बचाव है
विशेषज्ञों ने कहा कि कानपुर जैसे औद्योगिक शहरों में बारिश के बाद कुछ वक्त के लिए राहत मिलती है, लेकिन असली चुनौती स्थायी समाधान की है। अगर ट्रैफिक, फैक्ट्रियों और खुले में कचरा जलाने पर सख्ती नहीं हुई, तो हवा फिर से खराब हो जाएगी।
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