Banda में ‘किन्नर युद्ध’, कोतवाली बना अखाड़ा, चले लात-घूंसे, पुलिस के छूटे पसीने
- Ankit Rawat
- 04 Nov 2025 07:14:20 PM
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की नरैनी कोतवाली सोमवार को रणभूमि बन गई जब इलाके के बंटवारे को लेकर कैटरीना ग्रुप और बन्नो ग्रुप नाम के दो किन्नर गुट आमने-सामने आ गए। मामला इतना बढ़ गया कि कोतवाली परिसर में लात-घूंसे और गालियों की बरसात होने लगी। पुलिसकर्मी बीच-बचाव में जुटे तो उनके भी पसीने छूट गए।
कोतवाली में मच गया हंगामा
जानकारी के मुताबिक दोनों गुटों के बीच विवाद नरैनी, कालिंजर, फतेहगंज और गिरवां क्षेत्र के अधिकार को लेकर था। हर कोई इन इलाकों को अपना बताने पर अड़ा हुआ था। माहौल इतना गरम हो गया कि कोतवाली परिसर और सभागार दोनों में अफरातफरी मच गई। पुलिस ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी पीछे हटने से इनकार कर दिया।
पुलिस ने 27 किन्नरों को किया गिरफ्तार
जब हालात बिगड़ते दिखे तो सीओ कृष्णकांत त्रिपाठी मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था। आखिर में पुलिस ने 27 किन्नरों को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और उन्हें एसडीएम न्यायालय भेजा। कई किन्नरों को झड़प में चोटें भी आईं। बाद में एसडीएम अमित शुक्ला ने दोनों गुटों को फटकार लगाते हुए मुचलके पर रिहा कर दिया और साफ कहा कि अगली बार ऐसा हंगामा हुआ तो सख्त कार्रवाई होगी।
पहले भी भिड़ चुके हैं दोनों गुट
बताया गया कि ये पहला मौका नहीं है जब दोनों ग्रुप आपस में भिड़े हों। करीब छह महीने पहले भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दोनों गुटों के बीच झगड़ा हुआ था। उस समय एक पक्ष ने दूसरे पर जबरन किन्नर बनाने और ऑपरेशन कानपुर में कराने का आरोप लगाया था। तब भी पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था और एक किन्नर को जेल भेजा गया था।
कौन-कौन शामिल था झगड़े में
कैटरीना ग्रुप में काजल, शर्मीली, रीना, शिवानी और पिंकी जैसी किन्नर शामिल थीं। जबकि बन्नो ग्रुप में जसमीन, गुड़िया, अंजना, वर्षा, काजल, जाहनी, महिमा और शालिनी मौजूद थीं। दोनों गुट अपने- अपने इलाके पर कब्जा चाहते थे और किसी ने भी समझौते के संकेत नहीं दिए।
पुलिस ने दी सख्त चेतावनी
सीओ कृष्णकांत त्रिपाठी ने कहा कि हंगामा और मारपीट करने वाले सभी किन्नरों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। उन्हें कहा गया है कि अब अपने विवाद समाज के भीतर बैठकर निपटाएं। अगर दोबारा कोतवाली या सार्वजनिक स्थान पर ऐसी स्थिति बनी तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।इस पूरे मामले ने एक बार फिर दिखा दिया कि बांदा की कोतवाली में किन्नरों के बीच का झगड़ा पुलिस के लिए भी सिरदर्द बन गया है।
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