पत्नी ने लगाया उत्पीड़न का केस, तो पति ने खोला बड़ा राज! बुआ-पिता ने मिलकर बदल दी लड़की की जन्मतिथि, अब तीन पर मुकदमा
- Shubhangi Pandey
- 09 Nov 2025 12:17:11 PM
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक परिवहन विभाग के कर्मचारी और उसकी पत्नी के बीच विवाद ने नया मोड़ ले लिया। पत्नी ने पति पर उत्पीड़न का केस दर्ज कराया तो पति ने पलटवार करते हुए पत्नी पर जन्मतिथि बदलने और दस्तावेजों की जालसाजी का आरोप लगा दिया। इस मामले में अब पुलिस ने पत्नी समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पति ने लगाया जन्मतिथि में हेरफेर का आरोप
परिवहन विभाग मुख्यालय में तैनात प्रधान सहायक अभिषेक मिश्रा ने अपनी पत्नी दीक्षा तिवारी, ससुर और बुआ सास पर साजिश का आरोप लगाया है। अभिषेक का कहना है कि इन लोगों ने मिलकर दीक्षा की जन्मतिथि बदल दी ताकि उसे शादी के समय नाबालिग दिखाया जा सके और कानूनी फायदा उठाया जा सके।
अभिषेक ने थाना काकोरी पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें तीन लोगों को नामजद किया गया है तत्कालीन बीएलओ नीलम तिवारी, उनके भाई पवन तिवारी और भतीजी दीक्षा तिवारी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
2019 में हुई थी शादी, फिर शुरू हुआ विवाद
अभिषेक मिश्रा की शादी 12 मई 2019 को लखनऊ के राजाजीपुरम की रहने वाली दीक्षा तिवारी से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही दीक्षा ने अभिषेक और उनके परिवार के 16 सदस्यों के खिलाफ थाना तालकटोरा में उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पति ने दावा किया कि पत्नी ने अपने परिवार की मदद से कानूनी फायदा उठाने के लिए जन्मतिथि में हेरफेर किया।
जन्मतिथि में दो साल का फर्क
एफआईआर में कहा गया है कि दीक्षा की असली जन्मतिथि 20 जून 1999 है, लेकिन इसे बदलकर 20 जून 2001 कर दिया गया ताकि वो शादी के समय नाबालिग दिखाई दे। अभिषेक का कहना है कि ये बदलाव नीलम तिवारी की मदद से हुआ, जो उस समय काकोरी जलियामऊ प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका और बीएलओ थीं।
फर्जी दस्तावेजों से बनाई गई नई पहचान
जांच में खुलासा हुआ कि नीलम तिवारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भाई पवन तिवारी के नाम पर फर्जी निर्वाचन कार्ड बनवाया। इसी आधार पर दीक्षा के लिए फर्जी स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट तैयार कराया गया, जिससे उसका रेड रोज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रवेश हुआ। पुलिस को क्वीन मैरी हॉस्पिटल से जारी असली जन्म प्रमाणपत्र मिला है, जिसमें दीक्षा की असली जन्मतिथि 20 जून 1999 दर्ज है। पुलिस ने सभी दस्तावेज स्कूल टीसी, एफिडेविट और अन्य रिकॉर्ड कब्जे में ले लिए हैं।
तीनों पर जालसाजी और साजिश का केस
अब पुलिस ने दीक्षा तिवारी, नीलम तिवारी और पवन तिवारी के खिलाफ जालसाजी और साजिश की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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