Kanpur Police Brutality: जूतों से पिटाई करने वाले इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह पर गिरी गाज, अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कार्रवाई!
- Shubhangi Pandey
- 28 Aug 2025 08:08:28 PM
कानपुर के पनकी थाने में तैनात इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह को पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने तत्काल प्रभाव से हटाकर रिजर्व पुलिस लाइन भेज दिया. उन पर स्थानीय निवासी सत्यम द्विवेदी को थाने में कुर्सी पर बैठाकर जूतों से पीटने और जातिसूचक गालियां देने का गंभीर आरोप था. यह मामला तब सुर्खियों में आया जब समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने 25 अगस्त 2025 को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सत्यम की आपबीती को जनता के सामने रखा.
सत्यम त्रिवेदी की आपबीती
सत्यम त्रिवेदी ने अखिलेश यादव से मुलाकात में बताया कि अप्रैल 2025 में पनकी थाने में इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने उन्हें बुलाया और कुर्सी पर बैठाकर जूतों से पीटा. सत्यम ने यह भी आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर ने उनकी जाति को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां कीं. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें सत्यम अखिलेश के सामने रोते हुए अपनी पीड़ा बयान करते दिखे. इसने पूरे उत्तर प्रदेश में हंगामा मचा दिया.
अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस
अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगी सरकार और कानपुर पुलिस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “पुलिस का काम जनता की रक्षा करना है न कि उन्हें प्रताड़ित करना.” सपा प्रमुख ने सत्यम को न्याय का भरोसा दिलाया और इस मामले को सोशल मीडिया पर उठाया. जिसके बाद जनता और विपक्षी दलों ने कार्रवाई की मांग तेज कर दी. सोशल मीडिया पर #JusticeForSatyam ट्रेंड करने लगा, जिसने पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ाया.
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने देर रात 25 अगस्त 2025 को मानवेंद्र सिंह को पनकी थाने से हटाकर रिजर्व पुलिस लाइन भेजने का आदेश जारी किया. काकादेव थाने के इंचार्ज को पनकी थाने का नया प्रभारी बनाया गया. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और जल्द ही जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. हालांकि मानवेंद्र सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि सत्यम पर पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं.
वहीं पनकी के स्थानीय निवासियों ने बताया कि मानवेंद्र सिंह का व्यवहार पहले भी आक्रामक रहा है. लेकिन डर के कारण कोई खुलकर शिकायत नहीं करता था. सत्यम के साहस और अखिलेश की पहल के बाद लोग राहत महसूस कर रहे हैं. एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अब उम्मीद है कि नए इंचार्ज के साथ थाने का माहौल बदलेगा.”
सियासी घमासान छिड़ा
यह मामला 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी रंग ले चुका है. विपक्ष ने इसे योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने का मौका बनाया. फिलहाल सत्यम की आवाज ने पुलिस तंत्र में सुधार की मांग को और बुलंद कर दिया है.
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