AI के ज़रिए बढ़ी ठगी की चालाकियां, जानिए कैसे करते हैं हैकर्स फ्रॉड और आप कैसे बच सकते हैं
- Ankit Rawat
- 13 Nov 2025 05:29:02 PM
डिजिटल दुनिया में अब ठगों के पास एक नया हथियार आ गया है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। जहां एक ओर AI लोगों की ज़िंदगी आसान बना रहा है वहीं साइबर अपराधियों के लिए ये ठगी का सबसे ताकतवर टूल बन चुका है। हैकर्स अब ऐसे स्कैम कर रहे हैं जो दिखने-सुनने में बिल्कुल असली लगते हैं। अगर थोड़ी सी भी लापरवाही हुई तो बैंक अकाउंट, पर्सनल डेटा और पहचान तक खतरे में पड़ सकती है।
AI की मदद से कैसे ठगते हैं हैकर्स
आजकल AI टूल्स की मदद से हैकर्स इंसान जैसी आवाज़, फोटो और वीडियो तक तैयार कर लेते हैं। इसे डीपफेक टेक्नोलॉजी कहा जाता है। ठग किसी परिचित की आवाज़ कॉपी कर फोन कर सकते हैं और कह सकते हैं कि उन्हें तुरंत पैसे चाहिए। कई बार ये कॉल इतनी असली लगती है कि लोग बिना सोचे पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।
इसके अलावा AI से बनाए गए ईमेल और मैसेज बेहद प्रोफेशनल लगते हैं। हैकर्स बड़ी कंपनियों या बैंकों के नाम से मेल भेजते हैं जिनमें लिंक दिया होता है। जैसे ही यूज़र उस लिंक पर क्लिक करता है, उसकी निजी जानकारी या बैंक डिटेल्स चोरी हो जाती हैं। कुछ मामलों में तो AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल किया जाता है जो बातचीत में इतने प्राकृतिक लगते हैं कि कोई भी आसानी से भरोसा कर लेता है। ऐसे बॉट्स नौकरी, निवेश या लोन जैसी लुभावनी बातें करके लोगों से OTP या अकाउंट नंबर ले लेते हैं।
फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया स्कैम्स
AI की मदद से ठग ऐसे फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म्स या क्रिप्टो वेबसाइट्स तैयार कर लेते हैं जो बिल्कुल असली कंपनियों जैसी दिखती हैं। इन वेबसाइट्स पर झूठे रिटर्न दिखाकर लोगों से पैसे इन्वेस्ट करवा लिए जाते हैं। कुछ स्कैमर्स सोशल मीडिया पर AI से बने नकली प्रोफाइल बनाकर भरोसा जीतते हैं और फिर धोखा देते हैं। AI टूल्स से अब ठग फर्जी फोटो और वीडियो भी बनाते हैं, जिन्हें देखकर यूज़र को लगता है कि कोई भरोसेमंद व्यक्ति उनसे बात कर रहा है। इस तरह का फ्रॉड पिछले कुछ महीनों में तेज़ी से बढ़ा है।
कैसे करें बचाव?
1. कभी भी किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
2. फोन या मैसेज पर मिलने वाले OTP या बैंक डिटेल्स शेयर न करें।
3. अगर कोई परिचित पैसे मांगे, तो पहले उसकी वीडियो कॉल से पुष्टि करें।
4. केवल ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप पर ही बैंकिंग या पेमेंट करें।
5. साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज करें।
बता दें कि AI तकनीक जहां लोगों के काम को आसान बना रही है वहीं साइबर अपराधियों ने इसका गलत इस्तेमाल शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में ये स्कैम और खतरनाक रूप ले सकते हैं। ऐसे में सतर्क रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



