Etawah में मारपीट मामले में Court का सख्त फैसला, तीन दोषियों को 7 साल जेल, 13-13 हजार जुर्माना
- Shubhangi Pandey
- 07 Sep 2025 01:21:39 PM
इटावा के थाना भरथना क्षेत्र के नगला रमायन गांव में 30 नवंबर 2019 को हुई एक गंभीर मारपीट की घटना में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। तीन दोषियों को 7-7 साल की सजा और 13-13 हजार रुपये का जुर्माना ठोका गया है। पुलिस और अभियोजन की मजबूत पैरवी ने इस मामले में पीड़ित को इंसाफ दिलाने में अहम भूमिका निभाई। कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर ये सजा सुनाई।
क्या थी पूरी घटना?
टीकाराम पुत्र प्रकाश ने थाना भरथना में शिकायत दर्ज की थी कि उनके भाई पर गांव के ही नीलेश पुत्र रामस्वरूप, रामनरेश पुत्र रामस्वरूप और बृजेश सिंह पुत्र सरनाम ने लाठी-डंडों से हमला किया था। इस हमले में उनके भाई को गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पर्याप्त सबूत जुटाने के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। इस मामले की सुनवाई सत्र न्यायालय इटावा में हुई।
पुलिस की पैरवी ने दिलाया इंसाफ
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में थाना भरथना पुलिस, मॉनिटरिंग सेल, सम्मन सेल और जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला ने शानदार काम किया। पैरोकार संजय साहू के साथ मिलकर इन्होंने गवाहों और सबूतों को समय पर कोर्ट में पेश किया। मजबूत पैरवी और सतत निगरानी की वजह से कोर्ट ने तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोषी ठहराया। प्रत्येक को 7 साल की कठोर सजा और 13 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। सत्र न्यायालय ने साफ कर दिया कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस फैसले से पीड़ित परिवार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने न सिर्फ सजा सुनाई बल्कि दोषियों पर आर्थिक दंड भी लगाया, जिससे कानून का डर और बढ़ेगा। इटावा पुलिस की इस मेहनत की स्थानीय लोग भी तारीफ कर रहे हैं। ये फैसला अपराधियों के लिए चेतावनी है कि कानून से बचना आसान नहीं।
इटावा में मारपीट मामले में कोर्ट का सख्त फैसला, तीन दोषियों को 7 साल जेल, 13-13 हजार जुर्माना
इटावा के थाना भरथना क्षेत्र के नगला रमायन गांव में 30 नवंबर 2019 को हुई एक गंभीर मारपीट की घटना में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। तीन दोषियों को 7-7 साल की सजा और 13-13 हजार रुपये का जुर्माना ठोका गया है। पुलिस और अभियोजन की मजबूत पैरवी ने इस मामले में पीड़ित को इंसाफ दिलाने में अहम भूमिका निभाई। कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर ये सजा सुनाई।
क्या थी पूरी घटना?
टीकाराम पुत्र प्रकाश ने थाना भरथना में शिकायत दर्ज की थी कि उनके भाई पर गांव के ही नीलेश पुत्र रामस्वरूप, रामनरेश पुत्र रामस्वरूप और बृजेश सिंह पुत्र सरनाम ने लाठी-डंडों से हमला किया था। इस हमले में उनके भाई को गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पर्याप्त सबूत जुटाने के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। इस मामले की सुनवाई सत्र न्यायालय इटावा में हुई।
पुलिस की पैरवी ने दिलाया इंसाफ
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में थाना भरथना पुलिस, मॉनिटरिंग सेल, सम्मन सेल और जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला ने शानदार काम किया। पैरोकार संजय साहू के साथ मिलकर इन्होंने गवाहों और सबूतों को समय पर कोर्ट में पेश किया। मजबूत पैरवी और सतत निगरानी की वजह से कोर्ट ने तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोषी ठहराया। प्रत्येक को 7 साल की कठोर सजा और 13 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। सत्र न्यायालय ने साफ कर दिया कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस फैसले से पीड़ित परिवार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने न सिर्फ सजा सुनाई बल्कि दोषियों पर आर्थिक दंड भी लगाया, जिससे कानून का डर और बढ़ेगा। इटावा पुलिस की इस मेहनत की स्थानीय लोग भी तारीफ कर रहे हैं। ये फैसला अपराधियों के लिए चेतावनी है कि कानून से बचना आसान नहीं।
SSP का सख्त संदेश
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इटावा में अपराध और अपराधियों के खिलाफ पुलिस पूरी ताकत से लड़ रही है। उनकी प्राथमिकता है कि हर पीड़ित को इंसाफ मिले और अपराधियों में कानून का खौफ बने। इस मामले में पुलिस की सक्रियता और कोर्ट के फैसले ने ये साबित कर दिया कि अपराध करने वालों को सजा जरूर मिलेगी। स्थानीय लोग इस फैसले से संतुष्ट हैं और पुलिस की कार्रवाई को सराह रहे हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इटावा में अपराध और अपराधियों के खिलाफ पुलिस पूरी ताकत से लड़ रही है। उनकी प्राथमिकता है कि हर पीड़ित को इंसाफ मिले और अपराधियों में कानून का खौफ बने। इस मामले में पुलिस की सक्रियता और कोर्ट के फैसले ने ये साबित कर दिया कि अपराध करने वालों को सजा जरूर मिलेगी। स्थानीय लोग इस फैसले से संतुष्ट हैं और पुलिस की कार्रवाई को सराह रहे हैं।
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