PET Exam में Biometric ड्रामा: Kanauj का अभ्यर्थी बनकर आया फर्जी Mohit, Aligarh में गिरफ्तार!
- Ankit Rawat
- 07 Sep 2025 02:19:59 PM
अलीगढ़ में आयोजित पीईटी परीक्षा के पहले दिन एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। कन्नौज जिले का रहने वाला अभ्यर्थी मोहित कुमार आधार कार्ड में हेराफेरी कर परीक्षा देने पहुंचा था। लखनऊ मुख्यालय से हुई बायोमीट्रिक जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद उसे अलीगढ़ के अलबरकात स्कूल परीक्षा केंद्र से पकड़ लिया गया। स्टेटिक मजिस्ट्रेट की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया। अब उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
बायोमीट्रिक जांच ने खोली सच्चाई
कन्नौज छिबरामऊ के नगला जेनू गांव का रहने वाला मोहित कुमार परीक्षा देने अलबरकात स्कूल पहुंचा था। लखनऊ मुख्यालय में टीम प्रदेश भर के अभ्यर्थियों की बायोमीट्रिक जांच कर रही थी। इसी दौरान मोहित कुमार के दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई। ऑनलाइन सत्यापन में पाया गया कि उसके चेहरे और बायोमीट्रिक का मिलान संजय यादव नामक व्यक्ति के आधार कार्ड से भी हो रहा है।
पहले था संजय यादव बाद में बना मोहित कुमार
पुलिस पूछताछ में मोहित ने खुद माना कि उसने नौकरी पाने के लिए नाम और आधार कार्ड बदला था। उसने बताया कि उसका असली नाम संजय यादव है और उसके नाम से 1994 की जन्मतिथि वाला आधार कार्ड बना हुआ है। संजय यादव के नाम से उसने सेना की नौकरी पाने की कोशिश की लेकिन बार-बार असफल रहा। उम्र बढ़ जाने से उसके मौके भी खत्म हो गए। इसके बाद उसने मोहित कुमार नाम से दोबारा दसवीं की परीक्षा दी और जन्म वर्ष 1999 दर्शाकर नया आधार कार्ड बनवा लिया।
लालच में किया फर्जीवाड़ा
सीओ तृतीय सर्वम सिंह ने बताया कि आरोपी मोहित को गिरफ्तार कर लिया गया है। स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तहरीर पर उसके खिलाफ फर्जीवाड़ा और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब ये भी जांच कर रही है कि उसके इस मामले में और कौन शामिल है। फिलहाल मोहित से पूछताछ जारी है।
सख्त जांच से रुका बड़ा खेल
पीईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की कोशिशें होती रही हैं लेकिन बायोमीट्रिक जांच ने इस बार खेल बिगाड़ दिया। लखनऊ मुख्यालय से जिलेवार अभ्यर्थियों के दस्तावेज और बायोमीट्रिक की क्रॉस-चेकिंग से इस मामले का पर्दाफाश हुआ। समय रहते कार्रवाई होने से परीक्षा की पारदर्शिता बनी रही और बाकी अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सका।
ये पूरा मामला दिखाता है कि नौकरी पाने की हड़बड़ी में कुछ लोग किस तरह गलत रास्ता चुन लेते हैं। लेकिन नई तकनीक और सतर्कता से अब ऐसे फर्जीवाड़े आसानी से पकड़ में आ रहे हैं। परीक्षा केंद्र पर मिली ये सफलता बाकी अभ्यर्थियों के लिए भी एक सबक है कि मेहनत से बेहतर कोई रास्ता नहीं।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



