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Agra STF ने China से जुड़े साइबर ठगों का किया भंडाफोड़, करोड़ों की ठगी का राज खुला

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उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने आगरा में एक इंटरनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क को धर दबोचा है। ये गैंग चीन और दूसरे देशों से जुड़ा था जो विदेशी लोगों को लूटकर करोड़ों रुपये कमाता था। STF ने एक प्रमुख एजेंट को पकड़ लिया जिससे पूरे रैकेट की परतें खुलने लगीं। गिरफ्तार आरोपी अमित कुमार 35 साल का गुरुग्राम का रहने वाला है। वो गैंग के लिए पैसे की हेराफेरी करता था और विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर का काम संभालता था। उसके कब्जे से इनोवा हाईक्रॉस कार लैपटॉप और कई मोबाइल फोन बरामद हुए। STF की इस कार्रवाई से ठगी का पूरा सिस्टम बेनकाब हो गया।

विदेशी नेटवर्क से जुड़ी ठगी की चेन
जांच में पता चला कि ये गैंग भारत से ही विदेशी नागरिकों को टारगेट करता था। ठगी की कमाई हांगकांग दुबई वियतनाम और सिंगापुर जैसे देशों के बैंक अकाउंट्स में भेजी जाती थी। उसके बाद हवाला रूट से पैसा भारत वापस लाया जाता था। गैंग का कनेक्शन चीन से था जहां बड़े बॉस बैठे थे। अमित जैसे एजेंट्स भारत में रहकर लोकल ऑपरेशन चलाते थे। STF को कई दिनों से इनकी गतिविधियों की टिप मिल रही थी। टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से अमित की लोकेशन ट्रैक की गई। 14 सितंबर की रात थाना जगदीशपुरा के रेलवे फाटक के पास STF ने जाल बिछाया और उसे दबोच लिया। पूरी ऐक्शन इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा की लीड में हुई। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया।

कोलकाता का मास्टरमाइंड इरफान मलिक
पूरे ऑपरेशन का सरगना कोलकाता का इरफान मलिक है। वो वहां कॉल सेंटर चलाता था जहां से ठगी की शुरुआत होती थी। गैंग का तरीका बहुत स्मार्ट था। ईमेल ब्लास्टिंग से हजारों विदेशी ईमेल आईडी पर मैसेज भेजे जाते। उनमें इनवेस्टमेंट स्कीम्स और प्राइज मनी का लालच दिया जाता। जैसे ही कोई फंसता गैंग AnyDesk सॉफ्टवेयर से उसके कंप्यूटर में घुस जाता और बैंक डिटेल्स चुरा लेता। इरफान का कॉल सेंटर ठगी का हब था। वहां से कॉल्स करके पीड़ितों को फंसाया जाता। STF को शक है कि इरफान के जरिए चीन के बड़े प्लेयर्स जुड़े हैं। पूछताछ से और नाम उजागर होने की उम्मीद है।

ठगी का पैसा कैसे बंटता था
अमित कुमार को ठगी की रकम से सिर्फ 5 प्रतिशत कमीशन मिलता था। लेकिन चूंकि कुल रकम करोड़ों में होती थी इसलिए उसका शेयर लाखों का होता। उसके लैपटॉप और मोबाइल से विदेशी अकाउंट नंबर्स गिफ्ट कार्ड चैट्स और ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड्स मिले। गैंग ने विदेशी यूजर्स को टारगेट कर बड़ा कारोबार चला रखा था। STF की टीम ने डिजिटल फुटप्रिंट्स से कनेक्शन ट्रेस किए। ये रैकेट भारत के दूसरे राज्यों में भी फैला था। गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियां हवाला रूट्स और चाइनीज लिंक्स पर फोकस कर रही हैं।

STF की सतर्कता से बड़ा खुलासा
ये कार्रवाई साइबर क्राइम के खिलाफ STF की लगातार कोशिशों का हिस्सा है। अमित की पूछताछ से गैंग के और मेंबर्स का पता लग सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे इंटरनेशनल रैकेट्स को तोड़ना जरूरी है। आम लोग भी सतर्क रहें और संदिग्ध ईमेल या कॉल्स से बचें। STF ने अपील की कि साइबर फ्रॉड की शिकायत तुरंत करें। ये मामला साबित करता है कि हाईटेक ठगी का जाल वैश्विक है लेकिन कानून की पकड़ मजबूत हो रही है।

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