UP से Andaman तक फर्जी आधार कार्ड का खेल! धर्मेंद्र, सलमान और तालिब गिरफ्तार, हिल गई सुरक्षा एजेंसियां
- Ankit Rawat
- 27 Sep 2025 06:16:58 PM
उत्तर प्रदेश और अंडमान-निकोबार में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है। अंडमान-निकोबार ATS और यूपी STF ने मिलकर इस रैकेट के सरगना जालौन के धर्मेंद्र सक्सेना को कोलकाता से गिरफ्तार किया। इसके अलावा सहारनपुर के तालिब अंसारी और गाजियाबाद के सलमान अंसारी भी पकड़े गए। इस गिरोह ने 38 हजार फर्जी आधार कार्ड बनाए, जिनमें बांग्लादेशी, पाकिस्तानी और रोहिंग्या नागरिकों के नाम भी शामिल हैं। ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है।
धर्मेंद्र सक्सेना का काला कारोबार
जालौन के उरई का धर्मेंद्र सक्सेना अंडमान-निकोबार में BSNL की फ्रेंचाइजी लेकर आधार कार्ड बनाने का काम करता था। उसके पास 20 मशीनें थीं, लेकिन वो नियम तोड़कर जालौन में भी दो मशीनें लाया और फर्जी आधार कार्ड बनाने लगा। उसने कालपी और उरई में 38 हजार फर्जी आधार बनाए, जिनका इस्तेमाल जमीन घोटालों और अन्य अपराधों में हुआ। धर्मेंद्र ने रिमोट सॉफ्टवेयर जैसे TeamViewer और AnyDesk के जरिए दूसरे राज्यों में भी फर्जी आधार बनवाए। 25 फरवरी 2025 को BSNL के एक अधिकारी की शिकायत पर अंडमान में FIR दर्ज हुई, जिसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
तालिब और सलमान का गैरकानूनी खेल
यूपी ATS ने लखनऊ में तालिब अंसारी (सहारनपुर) और सलमान अंसारी (गाजियाबाद) को सात दिन की रिमांड पर लिया। ये दोनों बांग्लादेशी, नेपाली और रोहिंग्या नागरिकों के लिए फर्जी आधार बनवाते थे, जिनका इस्तेमाल पासपोर्ट और सरकारी योजनाओं के लाभ लेने में होता था। इनके लैपटॉप और मोबाइल से मिले डेटा से खुलासा हुआ कि आजमगढ़, गोरखपुर, मऊ, औरैया, बिहार और पश्चिम बंगाल के कई जनसेवा केंद्रों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड बन रहे थे।
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई
अंडमान-निकोबार ATS ने धर्मेंद्र को 23 सितंबर 2025 को कोलकाता से गिरफ्तार किया। अब उसे पोर्ट ब्लेयर जेल में रखा गया है। उसके दो साथी उन्नाव के साहिल और कानपुर के मोहम्मद जफर फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। जालौन पुलिस ने SP डॉ. दुर्गेश कुमार के नेतृत्व में इस नेटवर्क की जांच शुरू कर दी। यूपी ATS ने अगस्त में भी इस मामले में 10 लोगों को पकड़ा था। अब सलमान और तालिब के बैंक खातों और लेनदेन की जांच हो रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल
ये फर्जी आधार कार्ड न सिर्फ सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे थे, बल्कि अवैध विदेशियों को भारतीय नागरिक की पहचान दिलाने में भी इस्तेमाल हो रहे थे। इससे देश की सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठा है। यूपी और अंडमान पुलिस इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी है। लोग सोशल मीडिया पर इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बता रहे हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब सबकी नजर जांच के नतीजों पर टिकी है।
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