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Bahraich का खौफनाक राज़! बाथरूम में कैद वो 40 मासूम लड़कियां याद हैं... आखिर कौन हैं वो?

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बहराइच के पयागपुर तहसील में एक तीन मंजिला अवैध मदरसे से ऐसी सनसनीखेज खबर सामने आई कि पूरे इलाके में सनाटा छा गया। छत पर बने बाथरूम में 40 नाबालिग लड़कियां मिलीं, उम्र महज 7 से 14 साल की... सभी डरी-सहमी बंद मिलीं। जब एडमिनिस्ट्रेशन की टीम ने दरवाजा तोड़ा, तो बच्चियां एक-एक करके बाहर निकलीं। सभी की आंखों में आंसू और चेहरों पर खौफ साफ झलक रहा था। लेकिन सवाल कई हैं ये लड़कियां कौन हैं? कहां से आईं और शाम ढलते ही उन्हें बाथरूम में क्यों ठूंसा गया? आइए इस डरावनी घटना की परतें खोलें, जो अवैध मदरसों के काले कारोबार को उजागर कर रही है।

कैसे हुआ खुलासा? 
बुधवार शाम को SDM अश्विनी कुमार पांडेय पुलिस टीम के साथ पहालवारा गांव के 'जामिया गाजिया गुलशन-ए-गौसुलवरा' मदरसे पहुंचे। लोकल कंप्लेंट्स पर ये छापा मारने का प्लान था। लेकिन मदरसा ऑपरेटर खलील अहमद ने गेट खोलने से साफ इनकार कर दिया। पयागपुर थाने से फोर्स बुलाई गई और जबरन मदरसे में घुस कर जांच शुरू हुई। 

छापेमारी के दौरान ऊपर छत पर बने बाथरूम का ताला तोड़ा गया, तो अंदर 40 मासूम लड़कियां मिलीं। कुछ रो रही थीं, कुछ चुपचाप कोने में सिमटी हुई थीं। SDM ने बताया, "लोकल्स की शिकायतें लंबे समय से आ रही थीं। तीन मंजिला बिल्डिंग में अवैध तरीके से ये सेटअप चल रहा था ।" खलील अहमद तो मौके से फरार हो गया, लेकिन उसकी बेटी ने दावा किया कि ये कोई कोचिंग सेंटर था। 

कौन थीं वो 
लड़कियां 
पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि वो आसपास के गांवों से हैं। माता-पिता उन्हें धार्मिक शिक्षा (दीनी तालीम) के लिए भेजते थे। इनकी उम्र 7 से 14 साल के बीच है यानि की सब नाबालिग हैं। लेकिन हैरत की बात ये है कि मदरसे में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है, न बच्चियों का कोई रिकॉर्ड है। डिस्ट्रिक्ट माइनॉरिटी वेलफेयर ऑफिसर मोहम्मद खालिद ने कहा, "2023 के सर्वे में बहराइच में 495 अनरजिस्टर्ड मदरसे मिले थे, ये भी उसी लिस्ट में था लेकिन चूक गया। ये तीन साल से बिना वैध कागजात के चल रहा था।" 

क्या कहा परिजनों ने?
वहीं परिवार वाले डर की वजह से जानकारी देने से कतरा रहे हैं। एक पिता ने फोन पर कहा, "बेटी पढ़ने जाती थी, लेकिन अब डर लग रहा है।" फिलहाल लड़कियों को उनके घरवालों को सौंप दिया गया, लेकिन सवाल वही है कि इनको बाथरूम में क्यों बंद किया गया?

तालीम का बहाना या कुछ और?
बच्चियों से बात करने पर पता चला कि दिन भर वो कुरान और धार्मिक पढ़ाई करतीं। लेकिन शाम होते ही उन्हें छत के बाथरूम में बंद कर दिया जाता। SDM पांडेय ने कहा, "ये सवाल खड़ा करता है कि रात को उन्हें क्यों छिपाया जाता? क्या कोई बड़ा राज छुपा है?" लोकल्स शक जता रहे कि मदरसा सिर्फ शिक्षा के नाम पर चल रहा है। असल में फंडिंग का खेल हो सकता है। 

खलील अहमद की दौलत पर सवाल
एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) से जांच की डिमांड हो रही। खालिद ने बताया, "फंडिंग सोर्स चेक हो रहा है। बाहरी पैसे आने की आशंका भी है।" बच्चियों की मेंटल हेल्थ पर काउंसलिंग चल रही, क्योंकि ट्रॉमा गहरा है।

योगी सरकार की सख्ती
BJP के विधायक सुभाष त्रिपाठी ने CM योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है कि मदरसे और डिस्ट्रिक्ट माइनॉरिटी ऑफिसर खालिद अहमद पर जांच हो।

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