Peshawar में जानलेवा धमाका, पुलिस वैन को बनाया निशाना, 9 लोगों की हुई मौत, इलाके में मातम
- Shubhangi Pandey
- 03 Oct 2025 02:57:21 PM
पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक भयंकर धमाका हुआ। इस घटना में 9 लोगों की जान चली गई है और कम से कम 4 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल बताए गए हैं। दावा है कि हमला पुलिस को निशाना बनाकर किया गया था। पेशावर की राजधानी पुलिस कार्यालय मियां सईद ने बताया कि शुरुआती जांच में ये संकेत मिला है कि विस्फोटक पुलिस मोबाइल वैन के रूट पर छिपाया गया था। मतलब ये है कि सिर्फ आसपास के नागरिक ही नहीं बल्कि कानून व्यवस्था से जुड़े लोग भी इस सीधे हमले की चपेट में आए हैं । घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। हमले के बाद सुरक्षा बल भारी संख्या में मौके पर पहुंची और क्षेत्र को घेरे में ले लिया है। बम निष्कासन टीम, फॉरेंसिक विभाग और जांच एजेंसियां सबूत जुटाने में जुटीं हैं ताकि हमले के मास्टरमाइंड तक पहुंचा जाए।
क्वेटा धमाका में भी हुआ था धमाका
पेशावर में हुए इस हमले के ठीक पहले क्वेटा, बलूचिस्तान में भी एक बड़ा धमाका हुआ था। मंगलवार को FC मुख्यालय के पास हमला हुआ था। जिसमें करीब 10 लोग मारे गए और कई घायल हुए। सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले में 4 आतंकियों को मार गिराया और इसे “आतंकवादी हमला” बताया है। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगटी ने कहा कि देश की हिम्मत नहीं टूटेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पाकिस्तान में बढ़ता हिंसा का दौर
2025 की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान में हिंसा में भारी उछाल दर्ज हुआ। Center for Research & Security Studies (CRSS) की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 329 ऐसी घटनाएं हुई हैं। जिससे 901 लोग मरे और 599 घायल हुए हैं। इनमें आम नागरिक, सुरक्षा कर्मी और आतंकवादी शामिल हैं। खासकर खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत पर हमले अधिक हुए हैं। इस रिपोर्ट से ये साफ हुआ कि पाकिस्तान आतंकवाद के बढ़ते खतरे से जूझ रहा है।
कौन रहा टार्गेट पर
पेशावर धमाके से स्पष्ट हो गया कि आतंकवादी अब पुलिस बलों और सुरक्षा एजेंसियों को सीधे टार्गेट कर रहे हैं। अगर हमले मोबाइल वैन के रूट पर प्लांट किए गए विस्फोटकों से हों तो बचाव और निरीक्षण हर स्तर पर और ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है। सुरक्षा एजेंसियों को ना सिर्फ पहले चेतावनी मिलनी चाहिए बल्कि निगरानी का दायरा कवच की तरह फैला होना चाहिए। इन हालात में पाकिस्तान सरकार के सामने बड़ी चुनौती है कि कैसे इन हमलों को रोका जाए, कैसे खुफिया तंत्र को मजबूत किया जाए और कैसे आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। समय की मांग ये है कि आवाज़ें तेज हों, कार्रवाई तेज हो और आतंकवाद को पाने वालों को दिखाया जाए कि वे जितना अँधेरा फैला सकते हैं, नियम और कानून उतनी ही तेज़ रोशनी से उसका सामना कर सकते हैं।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



