COVID काल में 'कुबेर' बन गए GST अफसर! Lucknow में 200 करोड़ की बेनामी प्रॉपर्टी का खुलासा
- Ankit Rawat
- 04 Oct 2025 08:51:33 PM
कोविड काल में जब पूरा देश अपनी जान बचाने की जद्दोजहद में था, तब कुछ जीएसटी अफसरों के लिए वो दौर ‘कमाई का कुबेर काल’ बन गया। जांच में खुलासा हुआ है कि लखनऊ में जीएसटी विभाग के करीब 50 अफसरों ने मिलकर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की काली कमाई को बेनामी प्रॉपर्टी में लगाया। इन अफसरों ने लखनऊ के मोहनलालगंज और सुल्तानपुर रोड पर करोड़ों की जमीनें, फार्महाउस और कमर्शियल प्लॉट खरीदे। गुप्त शिकायत के बाद शुरू हुई जांच में अब तक 11 अफसरों की करोड़ों की संपत्ति का पता चल चुका है। बाकी 40 से ज्यादा अधिकारियों के खिलाफ जांच जारी है।
गुमनाम शिकायत से खुली पोल
बता दें कि राज्य शासन को एक गुमनाम शिकायत मिली थी कि जीएसटी विभाग के कुछ अफसरों ने कोविड काल में जबरदस्त अवैध कमाई की है और उस पैसे को जमीनों में लगा दिया है। शिकायत के आधार पर जांच शुरू हुई और जब रजिस्ट्री दफ्तरों के रिकॉर्ड खंगाले गए तो एजेंसियों के भी होश उड़ गए।
जांच में सामने आया है कि अफसरों ने अपनी संपत्तियां एक नामी बिल्डर के जरिए खरीदीं, जो एक वरिष्ठ अधिकारी का रिश्तेदार बताया जा रहा है। जांच एजेंसी को अब तक अरबों रुपये की रजिस्ट्री के दस्तावेज हाथ लगे हैं, जो पूरी बेनामी लेनदेन की कहानी बयान कर रहे हैं।
मलाईदार पदों पर तैनात थे अफसर
रिपोर्ट के मुताबिक ये अफसर कोविड के दौरान गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और नोएडा जैसे बड़े शहरों में ‘मलाईदार’ पदों पर तैनात थे। महामारी के दौरान ट्रांसफर प्रोसेस ठप होने से ये अफसर 3 से 5 साल तक अपनी कुर्सियों पर बने रहे। इसी दौरान इन्होंने धड़ल्ले से टैक्स चोरी के मामलों में ‘सेटिंग’ की और मोटी रकम वसूली। अब जांच में सामने आया है कि इन अफसरों ने ब्लैक मनी को लखनऊ में रियल एस्टेट में झोंक दिया। ज्यादातर संपत्तियां मोहनलालगंज और सुल्तानपुर रोड इलाके में हैं, जहां पर आलीशान फार्महाउस, प्लॉट और मार्केट कॉम्प्लेक्स खरीदे गए।
फर्जी रजिस्ट्री से किया खेल
जांच में ये भी सामने आया कि अफसरों ने न सिर्फ काली कमाई को जमीनों में लगाया, बल्कि रजिस्ट्री में भी गड़बड़ी की। कई संपत्तियों की खरीद सर्किल रेट से कम दामों पर दिखाई गई ताकि टैक्स बचाया जा सके। बताया जा रहा है कि बिल्डर ने अफसरों को बाजार मूल्य से काफी कम दर पर प्लॉट और संपत्तियां उपलब्ध कराईं। एक जांच अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “ये सिर्फ जमीन खरीदने का मामला नहीं है, बल्कि इसमें GST रिटर्न और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के खेल से निकली काली कमाई भी शामिल है।”
आयकर विभाग भी एक्टिव
इस खुलासे के बाद अब आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति सेल भी सक्रिय हो गई है। ये टीम पहले से ही यूपी के करीब 242 अधिकारियों और नेताओं की संदिग्ध जमीनों की जांच कर रही थी। अब इस केस को भी प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही संबंधित अफसरों के बैंक खातों, संपत्ति लेनदेन और पारिवारिक आय की जांच शुरू होने वाली है। कई अफसरों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के केस दर्ज किए जाने की तैयारी है।
विभाग में मची खलबली
लखनऊ में ये मामला सामने आने के बाद जीएसटी विभाग में हड़कंप मचा है। कई अफसर छुट्टी पर चले गए हैं, तो कुछ ने अपनी रजिस्ट्री रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है। आम लोगों में गुस्सा है कि जब महामारी में हर कोई घरों में बंद था, तब कुछ अफसर सरकारी कुर्सियों को सोने की खान बना रहे थे।
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