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जफर एक्सप्रेस पर फिर हमला, ट्रेन उड़ाई गई, कई घायल, पाकिस्तान में फिर दहशत

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पाकिस्तान में एक बार फिर रेल यात्रा खून से लाल हो गई।  सिंध-बलूचिस्तान बॉर्डर के पास सुल्तानकोट इलाके में क्वेटा जा रही जफर एक्सप्रेस पर हमला हुआ। पटरियों पर लगाया गया विस्फोटक ट्रेन के गुजरते ही फटा जिससे कई डिब्बे पटरी से उतर गए। शुरुआती जानकारी में कई लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भेजा गया है और राहत कार्य जारी है।

रातभर चला राहत और बचाव अभियान
विस्फोट के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन में सवार यात्रियों को बाहर निकालने के लिए पुलिस, सेना और रेस्क्यू टीमों ने तुरंत मोर्चा संभाला। मेडिकल टीमों ने घायलों को प्राथमिक इलाज दिया और गंभीर रूप से घायल लोगों को एयरलिफ्ट करके बड़े अस्पतालों में भेजा गया। अभी तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।

जफर एक्सप्रेस पर हमलों की लंबी लिस्ट
ये पहली बार नहीं है जब जफर एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया है। पिछले कुछ महीनों में इस ट्रेन पर कई बार हमले हो चुके हैं जो सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं। अगस्त 2025 में बलूचिस्तान के मस्तुंग ज़िले में एक आईईडी ब्लास्ट हुआ था जिससे जफर एक्सप्रेस के छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उस समय कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आई थीं और ट्रेनों की आवाजाही घंटों तक बंद रही थी। मार्च 2025 में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के आतंकियों ने बोलन दर्रे में जफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था। करीब 400 यात्रियों को बंधक बना लिया गया था। इस हमले में भारी गोलीबारी और बम धमाके हुए थे। कई घंटे तक चला ये ऑपरेशन सेना के हस्तक्षेप के बाद खत्म हो पाया था।

बलूचिस्तान बना अलगाववाद, आतंक और अस्थिरता का गढ़
बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बना हुआ है। यहां कई अलगाववादी संगठन सक्रिय हैं जो पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ लगातार हमले करते रहते हैं। रेलवे ट्रैक, सुरक्षा बलों और निर्माण प्रोजेक्ट्स को खासतौर पर निशाना बनाया जाता है। इन समूहों का मकसद बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करना है और वो इसके लिए आतंक और हिंसा का रास्ता अपनाए हुए हैं। जफर एक्सप्रेस पर लगातार हो रहे हमले इस बात का सबूत हैं कि इन इलाकों में हालात अब भी काबू से बाहर हैं।

यात्रियों में डर का माहौल
लगातार हो रहे हमलों से आम लोगों में डर का माहौल है। ट्रेन यात्रियों को अब सफर से पहले अपनी जान की चिंता सताने लगी है। स्थानीय लोग पूछ रहे हैं कि अगर एक ही ट्रेन बार-बार निशाना बन रही है तो सरकार उसकी सुरक्षा क्यों नहीं पुख्ता कर पा रही? रेलवे विभाग ने कहा है कि सुरक्षा बढ़ाई जाएगी लेकिन ज़मीनी हालात अब भी बेहद खराब हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा और भरोसा दोनों को वापस लाना एक बड़ी चुनौती बन गया है।

अब अगला निशाना कौन?
सवाल अब ये है कि अगर हालात पर काबू नहीं पाया गया तो अगला निशाना कौन होगा? क्या ट्रेनें अब भी सुरक्षित रहेंगी या फिर हर सफर एक खतरा बनता जाएगा? पाकिस्तान को चाहिए कि वो बलूचिस्तान जैसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा तंत्र को और मज़बूत करे ताकि जफर एक्सप्रेस जैसे हादसे दोबारा न हों। वरना हर धमाके के साथ देश की एक और सांस घुटती जाएगी।

फिलहाल, राहत कार्य जारी है और जांच एजेंसियां अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। लेकिन एक बात साफ है कि जफर एक्सप्रेस पर ये हमला सिर्फ एक धमाका नहीं था, ये पूरे सिस्टम को खुली चुनौती थी।

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