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IPS Y Puran Kumar की रहस्यमयी मौत पर साज़िश का साया! FIR में चौंकाने वाले नाम, DGP से लेकर विधायक तक

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चंडीगढ़ में वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार के आत्महत्या मामले में दर्ज FIR ने कहानी की परत खोलनी शुरू कर दी है। एफआईआर में कहा गया कि उनका शव उनके आवास के साउंडप्रूफ बेसमेंट में मिला। वह सोफे पर पड़े थे और उनके सिर के दाहिने हिस्से में गोली का निशान था। घटना स्थल के पास एक पिस्तौल और एक खाली कारतूस भी बरामद हुआ। पुलिस ने बताया कि उन्होंने आत्महत्या के अंदेशे पर प्राथमिक जांच शुरू की।

जब पुलिस कंट्रोल रूम को दोपहर लगभग 1:40 बजे सूचना मिली, तब तक बठिंडा के विधायक अमित रतन पहले ही वहां मौजूद थे। FIR में ये भी कहा गया है कि विधायक और अन्य लोग बेसमेंट में गए और शव को बरामद किया। घटनास्थल पर फोरेंसिक टीमों CFSL चंडीगढ़ और CENCOP  ने विस्तृत निरीक्षण किया और सबूत जमा किए।

सबूतों में दावा
जांच टीम ने घटनास्थल से दो अहम सबूत पाए जिसमें 6 अक्टूबर का एक हस्तलिखित घोषणा पत्र और 7 अक्टूबर का नोट है। नोट में अधिकारी ने कथित मानसिक उत्पीड़न और अपमान की घटनाओं का ज़िक्र किया है। दोनों दस्तावेज़ ज़ब्त कर लिए गए और संबंधित जांच एजेंसियों को भेजे गए हैं।

FIR में दर्ज नामों की सूची चौकाने वाली है — इसमें पूर्व DGP, पूर्व मुख्य सचिव, वर्तमान SP रोहतक और हरियाणा के DGP समेत दर्जनभर वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल हैं। ये नाम ऑफिसर के अंतिम नोट और उनकी पत्नी की शिकायत में भी हैं। कानूनी धाराओं के चयन से ये स्पष्ट है कि पुलिस अब मामले को सामान्य आत्महत्या के रूप में नहीं देख रही है। FIR में भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (स्वयं को नुकसान पहुंचाने का प्रकरण) और एससी/एसटी अधिनियम की धाराएं शामिल की गई हैं।

इंसाफ की उठी मांग
मृतक की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार जापान यात्रा से लौट रही थीं जब उन्हें इस घटना की सूचना मिली। उन्होंने शिकायत में दावा किया है कि ये एक साधारण आत्महत्या नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति को वरिष्ठ अधिकारी सालों तक अपमानित करते रहे। उन्हें जाति-आधारित उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके पति साज़िश का शिकार हुए हैं। अमनीत ने ये भी कहा कि FIR में कुछ नाम शामिल नहीं किए गए हैं और दस्तावेज़ अधूरे हैं। उन्होंने पुलिस से आग्रह किया है कि सभी नाम स्पष्ट रूप में FIR में दर्ज किए जाएँ।

क्या है पूरा मामला?
पूरन कुमार 2001 बैच के IPS अधिकारी थे और पिछले समय से विवादों में रहे। उन्होंने अक्सर उच्च अधिकारियों की नीतियों और पदाधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उनके समर्थन में कई सूत्रों का कहना है कि उन्होंने जाति-आधारित भेदभाव, वाहन और आवास आवंटन नियमों के उल्लंघन जैसे मुद्दों को उठाया था। इसके अलावा एक शराब व्यापारी ने दावा किया है कि उनके काम के दौरान पूरन के नाम से 2.5 लाख मासिक रिश्वत मांगने का दबाव बनाया गया था। इस मामले में पूरन के एक सहयोगी और एक कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया गया था। 

आगे की कार्रवाई 
चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है, जिसका नेतृत्व IG‑रैंक अधिकारी करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने चंडीगढ़ मुख्य सचिव और शीर्ष पुलिस अधिकारी को सात दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। परिवार को कानूनी सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सेक्टर 32 के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है। बता दें कि राजनीतिक और समाजगत स्तर पर ये घटना एक संवेदनशील मामला बन गई है। न्याय की मांग तेज हो रही है ।

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