55 दिनों तक गैंगरेप की शिकार हुई 13 साल की बच्ची, आखिरकार 23 साल बाद मिला इंसाफ, जानें झकझोर देने वाला मामला
- Ankit Rawat
- 21 Oct 2025 11:31:20 PM
23 साल की जद्दोजहद के बाद अलीगढ़ में 13 साल की बच्ची से गैंग रेप के एक भयावह मामले में आखिरकार इंसाफ मिल ही गया। फास्ट ट्रैक कोर्ट एडीजी-1 ने 15 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए सात दोषियों को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई। जिनमें दो रिटायर्ड इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर का बेटा समेत 7 दोषी शामिल हैं।
पिता का दर्द और न्याय की लड़ाई
पीड़िता के पिता जो अब 75 वर्ष के हैं उन्होंने अपनी दर्दनाक लड़ाई की कहानी को साझा किया। उन्होंने बताया कि 55 दिनों तक मेरी मासूम बेटी के साथ हर दिन बलात्कार होता रहा। मैं सोच भी नहीं सकता कि उस पर क्या बीती होगी। थाने में पुलिस ने कहा कि वह किसी के साथ भाग गई होगी। इंस्पेक्टर ने तो यहां तक कहा कि जब वह वापस आएगी, तो एक बच्चे के साथ वापस आएगी। मुझे बार-बार धमकाया गया कि मामला सुलझा लो । 23 साल बाद आखिरकार मुझे न्याय मिला।
'ऐसा किसी भी पिता को न देखना पड़े'
उन्होंने आगे कहा कि वह पल ऐसा था जैसा किसी भी पिता को कभी नहीं देखना चाहिए। मेरी 13 साल की बेटी सुबह घर से निकली लेकिन वापस नहीं लौटी। मुझे डर था कि कुछ भयानक हुआ होगा। मैंने पुलिस से मदद मांगी और साहब सिंह, रामेश्वर और प्रकाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिसिया लापरवाही और झूठे आरोप
पुलिस ने दो निर्दोष लोगों बौना और पप्पू (उर्फ बिजेंद्र) को गिरफ्तार कर उन पर आरोप तय कर दिए जबकि नामजद आरोपियों को बिना उचित जाँच के बरी कर दिया। पिता ने कहा, "पुलिस ने दो निर्दोष लोगों को जेल भेज दिया और 12 जनवरी, 2003 को आरोप पत्र दाखिल कर दिया। जांच के दौरान तीन आरोपियों के नाम हटा दिए गए। लेकिन मेरी बेटी का बयान दर्ज नहीं किया गया। जब मैंने बयान दर्ज करने की मांग की, तो मुझे धमकाया गया और मामले को निपटाने के लिए पैसे देने का लालच दिया गया। जब मैंने इनकार किया तो मुझे जान से मारने की धमकी दी गई।"
लड़की की दर्दनाक गवाही
हाईकोर्ट के आदेश पर लड़की का बयान 17 फ़रवरी 2003 को दर्ज किया गया। उसने खुलासा किया कि मैं शौच के लिए बाहर गई थी तभी साहब सिंह, रामेश्वर और प्रकाश मुझे मिले। उन्होंने मेरा मुंह बंद कर दिया और मुझे ले गए। राकेश मौर्य की कार सड़क पर थी। उन्होंने मुझे उसमें बिठाया और एक अनजान जगह ले गए। वहां रिटायर्ड एसएचओ राम लाल भी मौजूद थे। राकेश कार को खैर के एक गोदाम में ले गया जहां मेरे साथ चार दिनों तक बलात्कार किया गया। राकेश के साथ राम लाल, रामेश्वर, साहब सिंह, प्रकाश और सब-इंस्पेक्टर पुत्तूलाल ने भी मेरे साथ बलात्कार किया। उसने आगे कहा, फिर उन्होंने मुझे फिर से कार की डिक्की में डाल दिया और अलग-अलग जगहों पर ले गए। मुझे उनके नाम नहीं पता लेकिन वो मेरे साथ बलात्कार करते रहे। बाद में वो मुझे हरियाणा ले गए जहां हर दिन मेरा बलात्कार होता रहा। उन्होंने मुझे पीटा और मुझे सब कुछ सहने के लिए मजबूर किया गया।
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