आर्थर रोड जेल में मेहुल चोकसी के लिए बैरक तैयार, जानिए क्या क्या है इस बैरक में
- Shubhangi Pandey
- 23 Oct 2025 06:41:02 PM
पीएनबी घोटाले के आरोपी भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को वापस लाने की कोशिशें जारी हैं। इसके लिए भारत ने बेल्जियम के अधिकारियों के साथ मुंबई की आर्थर रोड जेल की आधिकारिक तस्वीरें साझा की हैं। इनके ज़रिए बताया गया है कि प्रत्यर्पण के बाद आर्थर रोड जेल में चोकसी को क्या-क्या सुविधा मिलेंगी। बुधवार को हुई सुनवाई में बेल्जियम की एक अदालत ने फैसला सुनाया कि चोकसी पर लगे आरोप भारत और बेल्जियम, दोनों के कानूनों के तहत प्रत्यर्पण योग्य हैं। इसके बाद कहा जा रहा है कि मेहुल चोकसी को प्रत्यर्पित किया जा सकता है। दरअसल बेल्जियम के एंटवर्प की एक अदालत ने 17 अक्टूबर को भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। अदालत ने माना कि भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस द्वारा चोकसी की गिरफ्तारी कानूनी थी।
46 वर्ग मीटर का बैरक दिखाया गया
भेजी गई तस्वीरों में 46 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाला बैरक दिखाया गया है। इसमें दो कोठरी (कमरे) हैं। प्रत्येक में निजी शौचालय और बुनियादी सुविधाएं हैं। ये तस्वीरें चोकसी के इस दावे का खंडन करने के लिए भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया के रूप में भेजी गई हैं कि भारतीय जेलें भीड़भाड़ वाली और असुरक्षित हैं।
चोकसी बैरक संख्या 12 में रहेगा
भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद, बेल्जियम पुलिस ने पंजाब नेशनल बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के आरोपी मेहुल चोकसी को इसी साल 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। वह इस समय जेल में है। चोकसी पर ₹13,850 करोड़ के गबन का आरोप है। मेहुल अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था, जिनकी बेल्जियम की नागरिकता है। बेल्जियम के विदेश मंत्रालय ने पहले ही चोकसी की मौजूदगी की सूचना दे दी थी।
बता दें कि गिरफ्तारी के समय मेहुल चोकसी बेल्जियम के रास्ते स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने चोकसी की गिरफ्तारी के समय मुंबई की एक अदालत ने 23 मई 2018 और 15 जून, 2021 को जारी किए गए दो गिरफ्तारी वारंट का हवाला दिया।
फरार होने का खतरा, इसलिए नहीं मिली ज़मानत
बेल्जियम के अभियोजकों ने अदालत को यह भी बताया कि चोकसी अभी भी भाग सकता और इसलिए उसे जेल से रिहा नहीं किया जा सकता। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह आदेश हमारे पक्ष में है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत के अनुरोध पर की गई बेल्जियम की गिरफ्तारी कानूनी है। यह निर्वासन की दिशा में पहला बड़ा कदम है।"
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



