गणेश चतुर्थी 2025: जानिए बप्पा की पौराणिक कहानी, पूजन विधि, क्या करें और क्या न करें
- Ankit Rawat
- 27 Aug 2025 07:56:24 PM
गणेश चतुर्थी
भगवान गणेश, जिन्हें बप्पा, विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता कहा जाता है, उनका जन्म बहुत ही खास तरीके से हुआ था। एक दिन देवी पार्वती ने अपने शरीर के गंदे पानी से गंध मिर्च की लकड़ी लेकर उसकी पूजा की और उससे गणेश जी की सृष्टि की। वह बालक बहुत ही सुंदर और ताकतवर था। देवी पार्वती ने उसे अपनी सेवा में रखा और किसी को भी अंदर आने से मना किया।
एक दिन भगवान शिव वहां आए, लेकिन गणेश ने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया क्योंकि वे अपनी माता की आज्ञा का पालन कर रहा था। इससे शिवजी को बहुत क्रोध आया और उन्होंने गणेश का सिर काट दिया। जब देवी पार्वती को यह बात पता चली, तो वह बहुत दुखी हुईं।
शिवजी ने गणेश की जान बचाने के लिए हाथी के सिर वाला एक बच्चा खोजा और उसे गणेश की जगह लगा दिया। तब से गणेश जी को हाथी का सिर मिला और वह सभी विघ्नों को दूर करने वाले, बुद्धि और समझ के देवता माने गए।
गणेश चतुर्थी का त्योहार इसी खुशी और विश्वास के साथ मनाया जाता है कि बप्पा हर कठिनाई को दूर करते हैं और नए काम की शुरुआत में सफलता देते हैं।
आज क्या करें?
सुबह जल्दी उठें और स्वच्छ होकर गणपति की पूजा करें।
गणेश जी की मूर्ति या फोटो की स्थापना करें।
लाल फूल, दूर्वा घास और मोदक का भोग लगाएं।
“ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
घर और पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें।
शाम को गणपति की आरती और भजन करें।
राहुकाल (12:00 बजे से 1:30 बजे तक) में कोई शुभ काम न करें।
बप्पा को मिठाई (मोदक) जरूर चढ़ाएं।
जरूरतमंदों को दान करें, इससे पुण्य बढ़ता है।
आज क्या न करें?
राहुकाल में कोई पूजा या शुभ कार्य न करें।
झगड़ा, बुरा बोलना, गुस्सा करना टालें।
घर में गंदगी या अव्यवस्था न रखें।
कोई अधूरा या गलत काम आज न शुरू करें।
विवाद, नकारात्मक सोच से दूर रहें।
बिना जरूरत बाहर बेवजह न जाएं।
गणपति बप्पा मोरया!
मन में श्रद्धा और विश्वास लेकर बप्पा का स्वागत करें, सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
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