Radha Ashtami 2025: राधा अष्टमी पर घर लाएं ये 3 चमत्कारी चीजें, पैसों की तंगी होगी दूर, बरसेगी राधा-कृष्ण की कृपा!
- Ankit Rawat
- 29 Aug 2025 11:11:59 AM
भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका और शक्ति स्वरूपा राधा रानी का जन्मोत्सव, 31 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जो 30 अगस्त रात 10:46 से शुरू होकर 1 सितंबर सुबह 12:57 तक रहेगी, इस पवित्र दिन को खास बनाती है. पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को सुबह 11:05 से दोपहर 1:38 तक है. इस दिन राधा रानी की पूजा के साथ कुछ पवित्र वस्तुएं घर लाने से धन-दौलत, सुख-समृद्धि बढ़ती है और आर्थिक तंगी दूर होती है. आइए इन 3 चमत्कारी चीजों के बारे में जानते हैं-
1. बांसुरी सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक
श्रीकृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन राधा रानी को अत्यंत प्रिय थी. राधा अष्टमी पर चांदी या बांस की बांसुरी घर लाएं. इसे पूजा स्थल पर राधा-कृष्ण की मूर्ति के पास रखें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें. मान्यता है कि बांसुरी सकारात्मक ऊर्जा लाती है, परिवार में प्रेम बढ़ाती है और आर्थिक बाधाएं दूर करती है. इसे राधा अष्टमी के शुभ मुहूर्त में लाना विशेष फलदायी है.
2. कदंब का पौधा समृद्धि का वरदान
कदंब का वृक्ष श्रीकृष्ण को बेहद प्रिय था, जिसकी डालियों पर बैठकर वो बांसुरी बजाया करते थे. राधा अष्टमी पर कदंब का पौधा घर लाकर आंगन, बालकनी, या गमले में रोपें. इसे पूजा के बाद राधा-कृष्ण को अर्पित करें और रोपण के समय “ॐ राधा कृष्णाय नमः” मंत्र का जाप करें. मान्यता है कि कदंब का पौधा घर में सुख-समृद्धि और धन-वैभव लाता है. यह पर्यावरण को शुद्ध करने के साथ आध्यात्मिक शांति भी देता है.
3. मोरपंख राधा-कृष्ण की कृपा का प्रतीक
मोरपंख श्रीकृष्ण के मुकुट का आभूषण है और राधा रानी को भी प्रिय है. राधा अष्टमी पर मोरपंख घर लाएं और इसे पूजा स्थल, तिजोरी, या पर्स में रखें. पूजा के दौरान “ॐ श्री राधायै नमः” मंत्र का जाप करें. मोरपंख नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है. धन लाभ के योग बनाता है और परिवार में सौहार्द बढ़ाता है. इसे 31 अगस्त को शुभ मुहूर्त में स्थापित करना विशेष लाभकारी है.
राधा अष्टमी का महत्व
राधा अष्टमी पर राधा रानी की पूजा से जीवन में प्रेम, शांति, और समृद्धि आती है. स्कंद पुराण के अनुसार राधा जी की भक्ति से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. इस दिन व्रत, दान, और मंदिर में राधा-कृष्ण के दर्शन करने से विशेष पुण्य मिलता है.
31 अगस्त को सुबह स्नान के बाद राधा-कृष्ण की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं. फूल, चंदन, और माखन-मिश्री का भोग लगाएं. इन तीन वस्तुओं को पूजा के बाद घर में स्थापित करें.
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