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Sanwaliya Seth मंदिर में चढ़ावे का रिकॉर्ड तोड़ तूफान, 21 करोड़ की नकदी गिनी गई , सोना-चांदी की चमक बाकी!

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भारत आस्था और धर्म को मानने वालों का देश है। यहां कई ऐसे मंदिर हैं जो सदियों से आस्था के केंद्र रहे हैं। इन्हीं में से एक है चित्तौड़गढ़ का श्री सांवलिया सेठ मंदिर। ये मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि देश- दुनिया के दिल में बसे करोड़ों हिंदुओँ के लिए आस्था का केंद्र है। यहां हर महीने रिकॉर्ड तोड़ भक्त पहुंचते हैं और करोड़ों में चढ़ावा भी आता है। चित्तौड़गढ़ के मंडफिया गांव में स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर में हर महीने की तरह इस बार भी चढ़ावे की गिनती का दौर जारी है। भक्तों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक यह मंदिर एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि अब तक 21 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपए की नकद राशि गिनी जा चुकी है। हालांकि, यह आंकड़ा अभी अंतिम नहीं है। 29 अगस्त को होने वाले अंतिम राउंड में सोना, चांदी, ऑनलाइन दान और अन्य कीमती वस्तुओं की गिनती के बाद कुल चढ़ावे का खुलासा होगा। 22 अगस्त से शुरू हुई गिनती के पहले दिन 8 करोड़ 90 लाख रुपए की नकदी सामने आई। इसके बाद दूसरे राउंड में 4 करोड़ 60 लाख, तीसरे में 3 करोड़ 86 लाख 50 हजार, चौथे में 2 करोड़ 50 लाख और पांचवें राउंड में 2 करोड़ 10 लाख रुपए गिने गए। मंदिर समिति के मुताबिक, अभी मनी ऑर्डर, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और कीमती धातुओं की गणना बाकी है। अंतिम दिन सोने-चांदी के आभूषणों का तौल और रिकॉर्ड भी होगा, जिसके बाद चढ़ावे की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

क्यों खास है सांवलिया सेठ मंदिर? 
श्री सांवलिया सेठ मंदिर पूरे देश में अपनी चमत्कारी शक्ति के लिए प्रसिद्ध है। खासकर व्यापारी वर्ग में इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है। भक्तों का मानना है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद यहां पूरी होती है। यही वजह है कि भक्त नकद राशि के अलावा सोना, चांदी, गहने और अन्य कीमती सामान भी चढ़ाते हैं। मंदिर में आने वाला चढ़ावा केवल धार्मिक कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उपयोग समाजसेवा के लिए भी किया जाता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में इस चढ़ावे का बड़ा योगदान है।

29 अगस्त को खुलेगा असली खजाना 
मंदिर का भंडार हर महीने खोला जाता है और हर बार चढ़ावे का आंकड़ा करोड़ों में पहुंचता है। इस बार भी 29 अगस्त को अंतिम गिनती के बाद सोने-चांदी की चमक और ऑनलाइन दान की राशि से कुल चढ़ावा और बढ़ने की उम्मीद है। यह मंदिर भक्ति और दान की अनूठी मिसाल है, जो हर बार श्रद्धालुओं के विश्वास को और मजबूत करता है।

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