100 साल में एक बार ! 7 September को 'Blood Moon' का महासंयोग, न करें ये 5 गलतियां !
- Ankit Rawat
- 02 Sep 2025 05:19:28 PM
7 सितंबर 2025 को रात के आसमान में एक खास खगोलीय घटना होने वाली है। साल का दूसरा और पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। ज्योतिषियों के मुताबिक ये ग्रहण 100 साल में एक बार होने वाला दुर्लभ संयोग है। ये पितृपक्ष के दौरान होगा जिससे इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर को 1:26 बजे खत्म होगा। ब्लड मून का नजारा रात 11:00 बजे से 12:22 बजे तक दिखेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आने से चांद की रोशनी रुकती है और वो लाल रंग का दिखता है।
सनातन धर्म में चंद्र ग्रहण का महत्व
हिंदू मान्यताओं में चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। इसलिए ग्रहण के समय कोई भी शुभ काम जैसे पूजा-पाठ या नए काम शुरू करना वर्जित है। मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं और ग्रहण खत्म होने के बाद शुद्धिकरण किया जाता है। ये ग्रहण पितृपक्ष की शुरुआत में हो रहा है जो पितरों के सम्मान का खास समय है। ज्योतिषी सलाह देते हैं कि पितृपक्ष के श्राद्ध कर्म सूतक शुरू होने से पहले कर लें। सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा।
ग्रहण में भोजन क्यों नहीं खाना चाहिए?
पुराने शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान सूक्ष्मजीव सक्रिय हो जाते हैं जिससे खाना तामसिक और हानिकारक हो सकता है। खाने को सुरक्षित रखने के लिए उसमें तुलसी के पत्ते डालने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के समय खाना बनाने या खाने से बचें। ये प्रथा नकारात्मक ऊर्जा से बचने और सेहत को बनाए रखने के लिए है। ग्रहण खत्म होने के बाद साफ पानी से स्नान करें और ताजा खाना बनाएं।
मंत्र जाप का खास महत्व
ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा होता है। इसलिए इस समय महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र और भगवान का नाम जपने की सलाह दी जाती है। ज्योतिषियों का कहना है कि ग्रहण में मंत्र जाप का प्रभाव 1000 गुना बढ़ जाता है। ये न सिर्फ मानसिक शांति देता है बल्कि नकारात्मकता को भी दूर करता है। ध्यान और प्रार्थना से आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
गर्भवती महिलाएं बरतें ये सावधानियां
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय खास ख्याल रखना चाहिए। घर के अंदर रहें और चंद्र ग्रहण को न देखें। कैंची, चाकू या सुई जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल न करें। सोने की बजाय मंत्र जाप या प्रार्थना करें। ग्रहण खत्म होने के बाद गंगाजल मिले पानी से स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। ये सावधानियां बच्चे और मां की सेहत के लिए जरूरी मानी जाती हैं।
ग्रहण के बाद क्या करें?
ग्रहण खत्म होने के बाद गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। घर और कपड़ों को साफ करें। जरूरतमंदों को भोजन या दान दें। भगवान का नाम जपें और शांति के लिए प्रार्थना करें। ये कदम नकारात्मक ऊर्जा को हटाने और सकारात्मकता लाने में मदद करते हैं। 7 सितंबर का ये चंद्र ग्रहण न सिर्फ खगोलीय नजारा है बल्कि आध्यात्मिक बदलाव का मौका भी है।
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