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54 साल बाद खुलेगा Banke Bihari का तहखाना! 1971 के बाद पहली बार टूटेगी सील, रजत शेषनाग और स्वर्ण कलश से होगा खुलासा

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वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर का वो तहखाना जो पिछले 54 साल से बंद पड़ा है अब खुलने जा रहा है। मंदिर की हाई पावर्ड मैनेजमेंट कमेटी के आदेश के बाद इसे खोलने की तैयारी तेज हो गई है। भक्तों और सेवायतों में इसे लेकर जबरदस्त उत्सुकता है क्योंकि इस खजाने को आखिरी बार साल 1971 में खोला गया था।

रजत शेषनाग, स्वर्णकलश और अनमोल रत्न
मंदिर के सेवायत और इतिहासकार आचार्य प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी के मुताबिक, साल 1864 में बने इस मंदिर के गर्भगृह में ठाकुरजी के सिंहासन के ठीक नीचे तहखाना है जिसे तोशखाना भी कहा जाता है। इसमें सहस्त्रफनी रजत शेषनाग, स्वर्ण कलश में रखे गए नवरत्न, पन्ना से जड़े हुए मयूर आकृति के हार, चांदी-सोने के सिक्के और कई रियासतों द्वारा दी गईं दान–सेवा पत्र मौजूद हैं। इसके अलावा श्रीबिहारी जी के लिए बलिदान देने वाले गोस्वामी रूपानंद महाराज और मोहनलाल महाराज को समर्पित श्रद्धांजलि पत्र भी इसी स्थान पर सुरक्षित रखे गए हैं।

चोरियों के बाद बंद कर दिया गया था तहखाना
ब्रिटिश शासनकाल में साल 1926 और 1936 में दो बार इस तहखाने में चोरी हो चुकी है। इन घटनाओं के बाद गोस्वामी समाज ने तहखाने का मुख्य द्वार बंद कर दिया और एक छोटा सा मुहाना बनाकर सामान डालने का रास्ता छोड़ा। इसके बाद 1971 में अदालत के आदेश पर इस दरवाजे पर सील लगा दी गई थी जो अब तक वैसी ही लगी हुई है। साल 2002 और 2004 में भी सेवायतों ने तहखाना खोलने की मांग की थी लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते तब ये संभव नहीं हो पाया।

श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में बड़े बदलाव
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मंदिर की हाई पावर्ड कमेटी ने मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कई आदेश जारी किए हैं। अब मंदिर में तैनात सभी पुलिसकर्मियों और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स को ड्यूटी स्थल पर ही रहना होगा। जो भी बाहर घूमता मिला, उस पर एसएसपी स्तर की कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में राजस्थान एलाइड सिक्योरिटी एजेंसी के गार्ड मंदिर की सुरक्षा में लगे हैं लेकिन इनका व्यवहार श्रद्धालुओं के साथ कई बार विवादित रहा है। कई बार महिला श्रद्धालुओं से भी मारपीट के मामले सामने आ चुके हैं। सोशल मीडिया पर इनके कई वीडियो वायरल हो चुके हैं। अब कमेटी ने तय किया है कि इन गार्ड्स की जगह रिटायर्ड सैनिकों वाली प्रोफेशनल सिक्योरिटी एजेंसी को तैनात किया जाएगा।

इतिहास एक बार फिर जिंदा होने को तैयार
तोशखाना खोलने की खबर के बाद मंदिर के सेवायतों और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। 54 साल पुराने खजाने में क्या-क्या मिलेगा, इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा है। कई भक्त मानते हैं कि ये सिर्फ आभूषणों का खजाना नहीं बल्कि इतिहास, परंपरा और आस्था का संगम है।

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