काशी से क्रांति! मुफ्त ऑनलाइन पूजा की शुरुआत, घर बैठे करें 6 मंदिरों में पूजन
- Shubhangi Pandey
- 14 Sep 2025 02:22:14 PM
काशी में धार्मिक इतिहास रचा जा रहा है। देश में पहली बार बनारस के छह प्रमुख मंदिरों में मुफ्त ऑनलाइन पूजा की शुरुआत हो रही है। अब आप घर बैठे मोबाइल से पूजा बुक कर सकते हैं और काशी के पवित्र मंदिरों में अपने नाम-गोत्र से पूजन करा सकते हैं। ये अनोखी पहल बड़ी शीतला मंदिर के महंत परिवार ने शुरू की है। 14 सितंबर को जीवित्पुत्रिका व्रत के मौके पर मां संतान लक्ष्मी के पूजन के साथ इसकी शुरुआत होगी।
किन मंदिरों में होगी ऑनलाइन पूजा?
ये सुविधा छह प्रमुख मंदिरों में उपलब्ध होगी:
महालक्ष्मी मंदिर
बाबा कालभैरव मंदिर
गौरीकेदारेश्वर मंदिर
लोलार्केश्वर महादेव मंदिर
बड़ी शीतला मंदिर
अन्नपूर्णा मंदिर
इन मंदिरों में आपके परिवार की सुख-समृद्धि और शांति के लिए नाम-गोत्र के साथ पूजा होगी। सबसे खास बात ये पूरी तरह मुफ्त है।
कैसे शुरू हुई ये पहल?
बड़ी शीतला मंदिर के महंत पं. शिवप्रसाद पांडेय लिंगिया महाराज के मार्गदर्शन में उनके बेटे पं. अवशेष पांडेय कल्लू महाराज ने इस क्रांतिकारी कदम को उठाया। वो बताते हैं कि उनके परिवार का इन मंदिरों से गहरा नाता है। कालभैरव मंदिर में महीने में चार बार अन्नपूर्णा मंदिर में तीन-चार बार और बाकी मंदिरों में साल भर उनकी सेवा रहती है। श्रद्धालुओं की परेशानियों को देखते हुए उन्होंने ऑनलाइन पूजा की मुफ्त सुविधा शुरू की।
मोबाइल से बुकिंग, प्रसाद घर तक
श्रद्धालु मोबाइल नंबर 7459016660 पर अपना नाम, गोत्र और पता भेजकर पूजा बुक कर सकते हैं। बुकिंग के बाद मंदिर में आपके लिए पूजा होगी और इसका वीडियो आपको भेजा जाएगा। बाहर के श्रद्धालुओं को प्रसाद और वीडियो कूरियर से मिलेगा। बनारस के स्थानीय लोग मंदिर में बुलाकर प्रसाद और वीडियो ले सकते हैं। महंत परिवार खुद इसकी निगरानी करेगा ताकि सब कुछ पारदर्शी रहे।
24 पुजारी करेंगे पूजा
इस सेवा के लिए छह मंदिरों में 24 पुजारियों की टीम तैयार की गई है। हर मंदिर में चार पुजारी ऑनलाइन पूजा कराएंगे। ये सुनिश्चित करेंगे कि आपकी पूजा पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से हो।
पहला मौका 14 सितंबर को
सोरहिया मेले में मां संतान लक्ष्मी के पूजन से इस सेवा की शुरुआत होगी। देश-विदेश के श्रद्धालु इस मौके पर अपने परिवार के लिए मुफ्त पूजा करा सकते हैं। ये पहल न सिर्फ धार्मिक बल्कि तकनीकी रूप से भी काशी को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।
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