नवरात्रि व्रत में बाल कटवाना सही है या नहीं? लहसुन-प्याज खाने से बचें, जानिए जरूरी नियम
- Shubhangi Pandey
- 23 Sep 2025 11:24:28 AM
पूरा देश मां दुर्गा के आगमन की तैयारी में जुटा है। 22 सितंबर से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि में मां के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। ये नौ दिन भक्तों के लिए खास होते हैं क्योंकि ये समय तपस्या, साधना और शुद्धता का होता है। नवरात्रि के दौरान व्रत रखते वक्त कुछ खास नियमों का ध्यान रखना जरूरी होता है। इन नियमों को जानना जरूरी है ताकि व्रत की पवित्रता बनी रहे और मां का आशीर्वाद प्राप्त हो।
लहसुन-प्याज वर्जित क्यों हैं?
नवरात्रि में लहसुन और प्याज खाने से मना किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये तामसिक भोजन हैं। इनका सेवन व्रत की पवित्रता को प्रभावित करता है। पौराणिक कथा कहती है कि लहसुन-प्याज का संबंध राहु-केतु से है। अमृतपान करने वाले दैत्य के दो भागों से इनके उत्पन्न होने की बात कही जाती है। वैज्ञानिक कारण भी हैं। नवरात्रि का समय शरद ऋतु से शीत ऋतु में होता है जब मौसम ठंडा होने लगता है। ऐसे में शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। लहसुन और प्याज खाने से शरीर की गर्मी बढ़ती है जो तब ठीक नहीं होता। इसलिए इन दिनों तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए।
क्या नवरात्रि में बाल कटवाना सही है?
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी और नाखून काटने से बचना चाहिए। ये सिर्फ बाहरी नहीं बल्कि आंतरिक शुद्धता का समय होता है। इस दौरान शरीर को प्राकृतिक अवस्था में रखना बेहतर माना जाता है। आध्यात्मिक रूप से ये वक्त अपनी इच्छाओं और भौतिक जरूरतों को कम करने का होता है ताकि साधना में मन लगा रहे। इसलिए बाल कटवाने से बचना चाहिए ताकि व्रत का पूर्ण फल मिले।
चमड़े के सामान से परहेज करें
नवरात्रि में चमड़े से बने सामान जैसे बेल्ट, जूते, पर्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ये चीजें पशुओं की खाल से बनती हैं इसलिए शुद्धता के नियमों के खिलाफ मानी जाती हैं। इन नौ दिनों में अपनी शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखना बहुत जरूरी होता है।
दिन में आराम करना सही नहीं
नवरात्रि के नौ दिन पूरी तरह मां दुर्गा को समर्पित होते हैं। दिन के समय सोने से बचना चाहिए। इस दौरान नींद करने से साधना में बाधा आती है। व्रती को चाहिए कि वो अपना समय पूजा, ध्यान और धार्मिक ग्रंथों के पाठ में लगाए। इन दिनों वातावरण में अद्भुत ऊर्जा होती है, जो साधकों को आंतरिक शांति और शक्ति देती है। इसलिए दिन में आराम कम करें और मां की उपासना में मन लगाएं।
नवरात्रि व्रत के नियमों का पालन क्यों जरूरी
नवरात्रि के दौरान नियमों का पालन करने से न सिर्फ व्रत सफल होता है बल्कि मानसिक और शारीरिक शुद्धि भी मिलती है। ये नियम हमें संयम सिखाते हैं और आध्यात्मिक उन्नति के रास्ते पर ले जाते हैं।अगर साधक इन नियमों का ध्यान रखेगा तो मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहेगी और जीवन में सुख-शांति आएगी।
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