नवरात्रि का चौथा दिन: मां कुष्मांडा की पूजा ऐसे करें, जानिए मंत्र, भोग और आरती
- Shubhangi Pandey
- 25 Sep 2025 11:44:44 AM
नवरात्रि का हर दिन देवी दुर्गा के एक अलग स्वरूप की पूजा को समर्पित होता है. चौथे दिन मां कुष्मांडा की उपासना की जाती है. मान्यता है कि मां कुष्मांडा की साधना करने से भक्त के जीवन से रोग, शोक और कष्ट दूर हो जाते हैं. उनके तेज और प्रकाश से घर में सुख-समृद्धि और उन्नति का मार्ग खुलता है. चलिए जानते हैं मां कुष्मांडा की पूजा विधि, प्रिय भोग, शुभ रंग, मंत्र और आरती के बारे में.
मां कुष्मांडा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा सूर्यमंडल के बीच के लोक में वास करती हैं. उनके तेज से ही सूर्य मंडल प्रकाशित होता है. मां की कांति सूर्य के समान मानी जाती है. कहा जाता है कि मां कुष्मांडा की कृपा से जीवन में स्वास्थ्य, धन और यश की प्राप्ति होती है.
ऐसे करें मां कुष्मांडा की पूजा
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें और साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद मां कुष्मांडा का ध्यान करते हुए मां दुर्गा को धूप, फल, अक्षत, लाल फूल, श्रृंगार का सामान और मिठाई अर्पित करें. मां को भोग लगाने के बाद उनकी आरती करें और मंत्रों का जाप करें. पूजा करते समय श्रद्धा और मन की शुद्धि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है.
मां कुष्मांडा का प्रिय भोग
मां कुष्मांडा को मालपुआ बहुत प्रिय है. भक्त इस दिन मालपुए का भोग लगाते हैं. इसके अलावा दही और हलवा भी मां को अर्पित किया जा सकता है.
कौन से फूल चढ़ाएं
मां कुष्मांडा को लाल रंग के फूल बेहद पसंद हैं. इनमें लाल कमल, गुड़हल और गेंदे का फूल विशेष रूप से प्रिय माने जाते हैं.
नवरात्रि के चौथे दिन का शुभ रंग
इस दिन का शुभ रंग हरा है. पूजा के समय हरे रंग के वस्त्र धारण करने से मां कुष्मांडा जल्दी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं.
मां कुष्मांडा के मंत्र
मूल मंत्र: ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः
बीज मंत्र: ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः
इन मंत्रों का श्रद्धापूर्वक जाप करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं.
मां कुष्मांडा की आरती
पूजा पूर्ण होने के बाद मां की आरती जरूर करें. आरती के समय पूरे परिवार का शामिल होना और मां के जयकारे लगाना बहुत शुभ माना जाता है. नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की भक्ति पूरे मन से करने पर हर तरह की परेशानियां खत्म होती हैं और जीवन खुशियों से भर जाता है.
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