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Vrindavan में है मां कात्यायनी का मंदिर: भगवान कृष्ण से जुड़ी अनोखी कथा और इसका महत्व

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शारदीय नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी की पूजा को समर्पित होता है। देवी कात्यायनी को साहस और शक्ति की देवी माना जाता है और वृंदावन में स्थित मां कात्यायनी मंदिर का महत्व नवरात्रि के इस दिन और भी बढ़ जाता है। ये मंदिर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से खास है बल्कि इसका संबंध भगवान कृष्ण की लीलाओं और ब्रज की गोपियों से भी जुड़ा हुआ है।

वृंदावन का कात्यायनी मंदिर
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बसे वृंदावन में मां कात्यायनी का प्राचीन मंदिर स्थित है। ये मंदिर उन प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है जहां देवी शक्ति के विशेष रूप की पूजा होती है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।

कृष्ण और गोपियों से जुड़ी कथा
भागवत पुराण और लोक कथाओं में वर्णन मिलता है कि जब वृंदावन की गोपियां भगवान कृष्ण को अपना पति बनाना चाहती थीं, तब उन्होंने मां कात्यायनी की कठिन तपस्या की थी। गोपियों ने यमुना तट पर स्नान करके मिट्टी के शिवलिंग बनाए और मां कात्यायनी से प्रार्थना की कि वो उन्हें श्रीकृष्ण को पति रूप में प्रदान करें।
माना जाता है कि गोपियों की भक्ति और श्रद्धा से प्रसन्न होकर मां कात्यायनी ने वरदान दिया और तभी से ये स्थान कृष्ण प्रेम और शक्ति साधना का पवित्र संगम बन गया।

मंदिर का इतिहास और मान्यता
कहा जाता है कि वृंदावन का कात्यायनी मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। इस मंदिर का निर्माण स्थानीय राजाओं और भक्तों ने करवाया था। यहां देवी की प्रतिमा अत्यंत दिव्य और आकर्षक है। मां सिंह पर सवार हैं और उनके चार हाथ हैं जिनमें तलवार, कमल और आशीर्वाद की मुद्रा स्पष्ट दिखाई देती है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में पूजा करने से विवाह योग्य कन्याओं को शीघ्र ही योग्य वर की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाहित जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर होती हैं।

नवरात्रि में पूजा का विशेष महत्व
नवरात्रि के छठे दिन देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंचकर मां कात्यायनी की आराधना करते हैं। इस दिन मंदिर में खास सजावट होती है और भजन-कीर्तन के साथ भव्य आरती की जाती है। भक्त मां को शहद और पीले फूल अर्पित करते हैं क्योंकि इन्हें ये भोग अत्यंत प्रिय है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
मां कात्यायनी का ये मंदिर केवल धार्मिक स्थल नहीं बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। कृष्ण और गोपियों की कथा यहां के वातावरण को और भी पवित्र बना देती है। कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से मन को शांति और आत्मविश्वास मिलता है। विवाह में आ रही अड़चनें, ग्रहदोष या पारिवारिक कलह जैसी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए भक्त बड़ी संख्या में यहां आते हैं।

बता दें कि वृंदावन का मां कात्यायनी मंदिर शक्ति और भक्ति का अद्भुत संगम है। यहां कृष्ण भक्ति और देवी उपासना दोनों का अनोखा मिलन दिखाई देता है। यही वजह है कि नवरात्रि के छठे दिन इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है और भक्त दूर-दूर से यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए मां कात्यायनी के चरणों में शीश नवाते हैं।

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