नवरात्रि का पावन आठवां दिन: मां महागौरी की कृपा से मनोकामनाएं पूरी, सुख-शांति की प्राप्ति!
- Shubhangi Pandey
- 30 Sep 2025 11:58:36 AM
आज शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन है। पूरा देश मां दुर्गा के भक्तिमय स्वरूप में डूबा हुआ है। घर-घर में घंटियां बज रही हैं। मंदिरों में भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई दे रही है और माता महागौरी का आगमन हो रहा है। इनकी पूजा करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। खासकर शादी-विवाह में आने वाली रुकावटें भी दूर हो जाती हैं। धन-धान्य में इजाफा होता है और मानसिक शांति मिलती है। इस खास मौके पर आज हम कुछ खास बातें बताते हैं कि कैसे पूजा करें।आज के दिन पूजा का क्या महत्व है-
महागौरी मां का चमत्कारी स्वरूप
ऐसा माना जाता है कि सफेद फूलों जैसी देवी मां महागौरी को देखो तो मन प्रसन्न हो जाता है। इनका रंग बर्फ जितना सफेद है। चेहरा चंद्रमा सा तेजस्वी और इनकी चार भुजाएं हैं। माता ने दाहिनी ऊपरी भुजा में त्रिशूल पकड़ा है और दूसरी भुजा में डमरू। बायीं निचली भुजा में कमल का फूल और दूसरी भुजा वरमुद्रा में है। ये सब कुछ शक्ति और शांति का प्रतीक हैं। कमल का फूल पवित्रता दिखाता है। जबकि त्रिशूल बुराई पर विजय, डमरू सृष्टि की ध्वनि को दर्शाता है। मां का वाहन बैल है जो धैर्य और स्थिरता का संकेत देता है।
पुराणों में कहा गया है कि देवी पार्वती ने तपस्या की थी। तप से शरीर काला पड़ गया। फिर भगवान शिव ने गंगा जल से उन्हें स्नान कराया। तब माता गोरी हो गईं इसलिए नाम महागौरी पड़ा। ये रूप मां दुर्गा का आठवां रूप है। नवरात्रि में ये आठवें दिन पूजा का केंद्र बन जाती हैं। इनकी कृपा से घर में सुख आता है और रोग भागते हैं। ये देवी राहु ग्रह की स्वामिनी हैं। इसलिए राहु दोष से मुक्ति मिलती है। आज के दिन सफेद रंग का वस्त्र पहनना शुभ है। आज के दिन घर सजाएं, मां की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और माता की पूजा शुभ मुहूर्त में करें।
आज का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि सुबह से शुरू हो चुकी है। पूजा का सबसे अच्छा समय अभिजीत मुहूर्त है। सुबह 11:45 से दोपहर 12:30 तक है। ये समय मां की विशेष कृपा देता है। इसके अलावा दोपहर 1:30 से 2:15 तक भी पूजा का विशेष समय है।
इस दिन शाम को सूर्यास्त के बाद जागरण जरूर करें। कन्या पूजन के लिए आज का दिन बहुत शुभ है । आज चंद्रमा तुला राशि में है। जो संतुलन लाता है। पूजा से पहले स्नान करें। स्वच्छ सफेद कपड़े पहनें। घर के पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। कलश के पास मां की तस्वीर रखें। अगर मंदिर जा रहे हैं तो सुबह ही दर्शन करें। शांत मन से ही माता के दर्शन करने चाहिए।
आसान पूजा विधि
पूजा शुरू करने से पहले घर को साफ करें। पूजा स्थल पर आसन बिछाएं। मां की मूर्ति को स्नान कराएं। दूध-दही-पंचामृत से फिर नहलाएं। वस्त्र चढ़ाएं। सफेद चुनरी या साड़ी अर्पित कर दें। चंदन तिलक लगाएं और सफेद फूल चढ़ाएं खासकर चमेली या रातरानी । ये मां को बहुत पसंद हैं। अगर उपलब्ध न हो तो कोई भी सफेद फूल आप चढ़ा सकते हैं। अब आरती करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। कम से कम एक अध्याय जरूर करें। माता का मुख्य मंत्र है "या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।" इसे 108 बार बोलें। इसके बाद धूप-दीप जलाएं और नैवेद्य चढ़ाएं। मां को नारियल का भोग लगाएं। खीर या दूध की मिठाई और फल अर्पित करें। पूजा के बाद प्रसाद जरूर बांटें।
आज के दिन कन्या पूजन न भूलें। 8 या 9 कन्याओं को बुलाएं और उन्हें भोजन कराएं, दान दें। ये सब करने से पूजा पूरी होती है। अगर व्रत रखा है तो फलाहार करें और सात्विक भोजन लें। मांस-मदिरा से दूर रहें। भले ही ये विधि सरल है लेकिन मन से करें तो चमत्कार भी होते हैं।
कन्या पूजन कैसे करें?
2 से 10 साल की कन्याओं को देवी का रूप मानें। उन्हें घर बुलाएं और पैर धोएं। उन्हें आसन दें और भोजन कराएं। पूड़ी-कचौड़ी-हलवा और मिठाई खिलाएं। साथ ही उनको दक्षिणा जरूर दें। पूजन के बाद आशीर्वाद लें। इसका महत्व ये है कि महिला शक्ति का सम्मान हो। आज ये करने से मां खुश होती हैं। साथ ही घर में बेटियों का मान बढ़ता है।
मां महागौरी की पूजा का महत्व:
महागौरी मां की पूजा का फायदा अनमोल है। पहले तो जीवन में शांति मिलती है और तनाव दूर हो जाता है। विवाह में देरी हो तो ये दिन चमत्कारिक है। कुंवारी लड़कियां मां से वर मांगें। विवाहित महिलाएं सुखी जीवन की कामना करें। इस दिन सच्चे मन से माता की पूजा करने वालों को नौकरी में तरक्की मिलती है। स्वास्थ्य ठीक होता है। पुराने रोग दूर जैसे- त्वचा और हड्डियों के दर्द में राहत मिलती है। मान्यता है कि इनकी कृपा से मोक्ष मिलता है। बुरे ग्रहों का प्रभाव कम होता है।
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