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Sharad Purnima पर बन रहा है ये खास महासंयोग, एक ही रात में बरसेगी मां लक्ष्मी और महादेव की कृपा

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साल के 12 महीनों में हर पूर्णिमा की अपनी महिमा होती है, लेकिन शरद पूर्णिमा को हिंदू धर्म में खास दर्जा मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में समृद्धि, सुख और धन की प्राप्ति होती है। साथ ही कहा जाता है कि अगर इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें और दान करें, तो पुराने पापों से मुक्ति मिलती है। इस युग और संयोजन में देवी‑देवताओं की कृपा और आशीर्वाद की गहरी सम्भावना होती है।

शरद पूर्णिमा तिथि और महत्व
मिथिला पंचांग और अन्य धार्मिक स्रोतों के अनुसार इस साल शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन पूर्णिमा तिथि दोपहर 12:23 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 अक्टूबर की सुबह 9:16 बजे तक खत्म होगी। चंद्रमा की रोशनी विशाल और दिव्य मानी जाती है और कहा जाता है कि इस रात चंद्र का प्रकाश अमृत की वर्षा जैसा असर करता है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन में खुशियों का प्रवेश होता है।

भोलेनाथ का करें अभिषेक
पंडितों के अनुसार शरद पूर्णिमा केवल लक्ष्मी‑विष्णु को समर्पित नहीं है । बल्कि भगवान शिव की उपासना के लिए भी ये रात अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन अगर शिवलिंग पर विशेष अभिषेक किया जाए, तो मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और स्थायी सुख-शांति बनी रहती है।

कैसे करें पूजा
ज्योतिष बताते हैं कि दिन की शुरुआत स्वच्छता से यानि स्नान से करें, फिर मन से शिव के मंदिर जाएं और श्रद्धा के साथ जलाभिषेक करें। इसके बाद केसर, बेलपत्र, फूल अर्पित करें। फिर दूध, दही, शहद, गन्ने का रस से अभिषेक करते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। ऐसे अभिषेक से महादेव की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक तंगी दूर होती है। माना जाता है कि इस दिन यह विधि देवों को विशेष प्रिय होती है।

शरद पूर्णिमा के गुप्त उपाय
इस शुभ रात में मां लक्ष्मी और महादेव को प्रसन्न करने वाले कुछ खास उपाय है-
रात्रि में जागरण करें, दीप जलाएं, भजन‑कीर्तन करें और ध्यान लगाएं।
मां लक्ष्मी की पूजा करें, घर को साफ‑सुथरा रखें और दीपों से सजाएं।
खीर बनाएं और खुली छत या आंगन में चांद की रोशनी में रखें, ताकि अमृत समान गुण उसमें समा जाएं ।
साथ ही शिवलिंग पर विशेष अभिषेक और पूजा करें। ये दोनों मंत्र और विधि मिलकर आपको दोहरा वरदान देंगे। इन दोनों देवों की पूजा एक ही रात में करना दुर्लभ अवसर है। ताकि जीवन में समृद्धि और समरसता दोनों एक साथ आएं।

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