भगवान गणेश का ये मंदिर है बड़ा ही निराला, अगर जा रहे हैं राजस्थान तो यहां जरूर जाइएगा।
- Shubhangi Pandey
- 15 Oct 2025 11:22:02 PM
देवों के देव महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश हैं। जो भक्त को बुद्धि, बल और समृद्धि का वर देते हैं। वैसे तो देश ही नहीं विदेश में भी भगवान गणेश की पूजा की जाती है। लेकिन राजस्थान में भगवान गणेश का एक बड़ा ही निराला मंदिर है। आइए आपको बताते हैं उसके बारे में-
तीन आंखों वाली है गणेश प्रतिमा
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में रणथंभौर किले के अंदर त्रिनेत्र गणेश स्थित है।त्रिनेत्र गणेश मंदिर राजस्थान का सबसे पुराने मंदिरों में से एक के रूप में प्रसिद्ध है।यह पूरी दुनिया में एकमात्र मंदिर है जिसमें उनका पूरा परिवार एक साथ एक ही स्थान पर रहता है । साथ ही गणेश जी की मूर्ति में तीन आंखें हैं। जिसका निर्माण लगभग 1300 में हुआ था। यह भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर लाल करौली पत्थर से बनाया गया है और यह सदियों से सबसे लोकप्रिय धार्मिक पर्यटक आकर्षणों में से एक रहा है।
त्रिनेत्र गणेश मंदिर का इतिहास
इस प्रसिद्ध मंदिर का इतिहास 1299 से जुड़ा है। जब रणथंभौर किले के अंदर राजा हम्मीर और अलाउद्दीन खिलजी के बीच युद्ध हुआ था। युद्ध के समयउन्होंने रणथंभौर किले मेंजहां राजा का निवास था। अपने गोदामों को खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक चीजों से भर दिया। युद्ध कई वर्षों तक चलने के कारण गोदामों में रखी चीजें ख़त्म होने लगी थीं।राजा हम्मीर भगवान गणेश के प्रबल भक्त थे और युद्ध के दौरान भी भगवान गणेश की पूजा करना कभी नहीं भूलते थे।
एक रात भगवान गणेश राजा हम्मीर के सपने में आये और उनसे कहा कि कल सुबह तक वह उन सभी परेशानियों से मुक्त हो जायेंगे। अगली सुबह आश्चर्यजनक रूप से किले की एक दीवार पर तीन आँखों (त्रिनेत्र) वाली भगवान गणेश का प्रतीक दिखाई दिया। इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह थी कि युद्ध अचानक अपने आप समाप्त हो गयाऔर गोदाम फिर से भर गए।इसके बाद 1300 ईस्वी में राजा हम्मीर ने भगवान गणेश का एक भव्य मंदिर बनवाया था। उन्होंने भगवान गणेश की दोनों पत्निनियां रिद्धि, सिद्धि और उनके दोनों बेटों शुभ, लाभ की मूर्ति के साथ-साथ उनका वाहन चूहा जिसे मूषक कहते हैं उसकी मूर्ति भी रखी।
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