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अजमेर का 400 साल पुराना डांगेश्वर महादेव मंदिर, अनूठी है इसकी महिमा, इसके किस्से आपको चौंका देंगे!

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राजस्थान के अजमेर में कई प्राचीन पर्यटन स्थल हैं. इनमें कई किले, संग्रहालय, झीलें, स्मारक और मंदिर हैं. इनका रूप इतना भव्य है कि यह राजस्थान के इतिहास में चार चांद लगाता है. 

400 साल से ज्यादा पुराना मंदिर
अजमेर से 52 किलोमीटर दूर मसूदा के निकट 400 साल पुराना डांगेश्वर महादेव मंदिर है. हर साल शिवरात्रि मेले और सावन में यहां आसपास के 252 गांवों के शिवभक्त इकट्ठा होते हैं. इस ऐेतिहासिक मंदिर में मसूदा दरबार और उनके वंशज शिव पूजा करते आ रहे हैं. 

कैसे पड़ा डांगेश्वर नाम?
इतिहास के जानकार बताते हैं कि किसी जमाने में यहां डांग हुआ करती थीं, इसलिए इस मंदिर का नाम डांगेश्वर महादेव मंदिर पड़ा. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि करीब 40 सालों से वो यहां मंदिर की सेवा कर रहे हैं. यह मंदिर चार सौ साल पुराना है. इस मंदिर के परिसर में शिव परिवार विराजमान है. प्रवेश द्वार पर नंदी और ऊपरी हिस्से में मां जगदंबा की मूर्ति है. इसमें दक्षिण में कार्तिक और उत्तर में भगवान गणेश के साथ माता पार्वती विराजमान हैं और मंदिर के बीच में महादेव विराजमान हैं.

दूर-दूर से दर्शन को आते हैं भक्त
मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर काफी प्राचीन है, आसपास के गांवों से जो लोग दूसरे शहरों और राज्यों में बस गए, वो भी इस मंदिर में आते हैं. राजसथान के झालावाड़, चित्तौड़, भीलवाड़ा, जयपुर, कोटा, आसींद समेत कई शहरों औैर राज्यों से भक्त यहां आते हैं. हर साल शिवरात्रि पर यहां आसपास के गांव शेरगढ़, जतनपुरा, रतनपुरा, बेगलियावास, कानपुरा, जामोला, किराप, रामपुरा, मानपुरा, गुढ़ा, मोयना, खीमपुरा, देवमाली सहित करीब 252 गांवों से शिवभक्त आते हैं. 

साथ ही आज भी मसूदा राजघराने के वंशज यहां नियमित पूजा के लिए आते हैं. मंदिर की मान्यता है कि भगवान शिव को सच्चे मन से जो भी याद करे उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.

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